Updated on: 30 November, 2024 12:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अभी तक बीजेपी ने अपने विधायक दल के किसी नेता का चयन नहीं किया है. अमित शाह से मुलाकात के बाद इस बात पर मुहर लग गई है कि मुख्यमंत्री का पद किसी बीजेपी नेता को दिया जाएगा.
देवेन्द्र फड़णवीस की फाइल फोटो
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि नया मुख्यमंत्री कौन शपथ लेगा. हाल ही में महायुति के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ लंबी बैठक की, लेकिन महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है. अभी तक बीजेपी ने अपने विधायक दल के किसी नेता का चयन नहीं किया है. अमित शाह से मुलाकात के बाद इस बात पर मुहर लग गई है कि मुख्यमंत्री का पद किसी बीजेपी नेता को दिया जाएगा. हालांकि इस बैठक में मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भी सस्पेंस बना हुआ है. लेकिन इस बैठक में ये संकेत दिए गए कि जो भी मुख्यमंत्री होगा वो बीजेपी पार्टी से होगा.
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अब एकनाथ शिंदे अपने गृहनगर चले गए हैं. उनके वापस आते ही नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी. लेकिन इस बीच बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए कुछ अन्य नेताओं के नाम पर भी चर्चा हो रही है. जिन नामों पर बहस चल रही है उनमें राष्ट्रपति चंद्रशेखर बावनकुले, जो पिछड़े वर्ग से आते हैं, और पुणे के सांसद और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल, जो मराठा समुदाय से आते हैं, शामिल हैं. आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से जानते हैं.चन्द्रशेखर बावनकुले महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष हैं. इससे पहले वह महाराष्ट्र सरकार में ऊर्जा और उत्पादक प्रभार मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं.
उन्होंने लगातार चौथी बार कामठी विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीता है. इस साल उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश भोयर को 40946 वोटों से हराया था. मुरलीधर का राजनीतिक सफर भी प्रभावशाली रहा है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र धांगेकर को सवा लाख वोटों से हराकर प्रचंड जीत हासिल की है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत तीन दशक पहले बीजेपी से की थी. मोहोल पुणे के मेयर भी रह चुके हैं.
जब उनके नाम की चर्चा हो रही थी तो उन्होंने लिखा, ``सोशल मीडिया में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे नाम की चर्चा निरर्थक और काल्पनिक है`` उन्होंने फड़णवीस के लिए लिखा, ``हम भारतीय जनता पार्टी के रूप में लड़ रहे हैं, हमने नेता देवेन्द्र जी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी, महाराष्ट्र की जनता ने भी ऐतिहासिक आह्वान किया है.``
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