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बंद नहीं होगी लड़की बहन योजना, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध

Updated on: 17 September, 2025 05:49 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक गाँव को केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ मिले. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य के गाँव प्रगति नहीं करेंगे, महाराष्ट्र समृद्ध नहीं होगा.

देवेंद्र फडणवीस. फाइल फोटो

देवेंद्र फडणवीस. फाइल फोटो

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार लोकप्रिय `लड़की बहन` कार्यक्रम को बंद नहीं करेगी, बल्कि एक करोड़ `लखपति दीदी` बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हर साल 1 लाख रुपये कमाएँगी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार छत्रपति संभाजीनगर के फुलंबरी तालुका के किंगगांव में राज्यव्यापी `मुख्यमंत्री समृद्ध पंचायत राज अभियान` का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने कहा कि सरकार गाँवों में महिलाओं के नेतृत्व वाली ऋण समितियों की स्थापना करके महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी.

रिपोर्ट के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक गाँव को केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ मिले. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य के गाँव प्रगति नहीं करेंगे, महाराष्ट्र समृद्ध नहीं होगा. उन्होंने कहा, "यह तब तक संभव नहीं है जब तक गरीब, मजदूर और गाँव समृद्ध नहीं होंगे." मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि `मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना`, जिसके तहत पात्र महिला लाभार्थियों को 1,500 रुपये की मासिक सहायता मिलती है, बंद नहीं की जाएगी.


उन्होंने कहा, "कुछ लोगों ने दावा किया है कि लड़की बहन योजना को खत्म कर दिया जाएगा. हमारी बहनों को उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए. हम केवल 1,500 रुपये देकर ही नहीं रुकेंगे. हम गाँवों में महिलाओं के नेतृत्व वाली ऋण समितियाँ शुरू कर रहे हैं, जो महिलाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगी."
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक करोड़ `लखपति दीदी` बनाना है, यानी ऐसी महिलाएँ जो सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक कमाएँगी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को 1 लाख रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया जा रहा है.


फडणवीस ने कहा, "हमारी बहनें केवल 1,500 रुपये पर गुज़ारा नहीं करेंगी, बल्कि स्व-रोज़गार करेंगी और दूसरों को भी रोज़गार देंगी. इस अभियान के तहत दलितों और आदिवासियों के लिए योजनाओं को भी लागू किया जाएगा. सरकार इस अभियान के माध्यम से अच्छा प्रदर्शन करने वाले गाँवों को 250 करोड़ रुपये के पुरस्कार देगी." रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले `ग्राम समृद्धि अभियान` के माध्यम से कई आदर्श गाँव बनाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अब 28,000 ग्राम पंचायतों और 40,000 गाँवों को आदर्श गाँव बनाने की योजना बना रही है.

उन्होंने कहा, "इस अभियान का उद्देश्य जनभागीदारी, सरकारी और सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) निधियों के माध्यम से गाँवों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है. यह अभियान वृक्षारोपण के माध्यम से स्वच्छ और हरित गाँव बनाने में भी मदद करेगा. सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और जनभागीदारी की मदद से स्वच्छ जल भी उपलब्ध कराया जाएगा." उन्होंने कहा कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) और अन्य सरकारी योजनाओं को एक साथ लाकर गाँवों में रोजगार पैदा किया जाएगा. फडणवीस ने कहा कि मनरेगा और सरकारी योजनाओं के माध्यम से आंगनवाड़ी, सड़कें, पानी की टंकियाँ और नालियों को गहरा करने जैसे ग्राम-स्तरीय कार्य किए जाएँगे. उन्होंने कहा, "यह अभियान गाँवों में समूहों को भी मज़बूत करेगा. ग्राम-स्तरीय समितियों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना भी शुरू की जा रही है. ये समितियाँ 17 प्रकार के व्यवसाय कर सकेंगी."


छत्रपति संभाजीनगर से ताल्लुक रखने वाले महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने सरकार से मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए लंबित परियोजनाओं को पूरा करने का आग्रह किया, जहाँ आमतौर पर पर्याप्त बारिश नहीं होती है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में आठ जिले शामिल हैं: छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, परभणी, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और हिंगोली. उन्होंने कहा, "लोग हमारे क्षेत्र को पिछड़ा कहते हैं. हमारी (प्रगति की ओर) यात्रा शुरू हो गई है, और हमारे पास सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरों में से एक होगा. राज्य को मराठवाड़ा के लोगों के कल्याण के लिए एक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए." शिरसाट के जवाब में, मुख्यमंत्री ने कहा, "मराठवाड़ा क्षेत्र को सूखा मुक्त बनाना हमारा लक्ष्य है."

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