इस पुल को हटाने का मुख्य उद्देश्य महत्वाकांक्षी सेवरी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर परियोजना को रास्ता देना है, जो शहर के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव लाएगी. (Pics: ASHISH RAJE)
यह नया कनेक्टर बांद्रा-वर्ली सी लिंक और कोस्टल रोड को मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (अटल सेतु) से जोड़ेगा, जिससे मुंबई के दक्षिण और पूर्वी उपनगरों के बीच यातायात में भारी सुधार की उम्मीद है.
अधिकारियों के अनुसार, पुल को हटाने और उसके स्थान पर निर्माण कार्य करने की प्रक्रिया कुल 60 दिनों तक चलेगी. इस दौरान आसपास के क्षेत्रों में यातायात को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया गया है ताकि नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और भारतीय रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को समन्वित रूप से अंजाम देने की योजना बनाई है.
काम शुरू होने से पहले सुरक्षा उपायों के तहत पुल से गुजरने वाले पैदल यात्रियों और वाहनों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है. स्थानीय निवासियों और रोज़ाना यात्रा करने वाले यात्रियों में इस पुल के बंद होने को लेकर भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं, क्योंकि यह पुल उनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा रहा है.
इतिहासकारों का मानना है कि एलफिंस्टन रोड ओवरब्रिज औपनिवेशिक काल की स्थापत्य कला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण था और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए था.
हालांकि, महानगर के तेजी से बढ़ते यातायात और बुनियादी ढाँचे की ज़रूरतों को देखते हुए इसे हटाना अनिवार्य माना गया है.
आने वाले समय में, जब सेवरी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर पूरी तरह तैयार हो जाएगा, तब यह क्षेत्र मुंबई के सबसे महत्वपूर्ण यातायात हब में बदल सकता है.
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