कृष्णा कौल ने कहा, “प्लास्टिक के बजाय कागज, भांग और पुनर्नवीनीकरण बैग का उपयोग करना एक प्रवृत्ति नहीं है, बल्कि हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता है. प्लास्टिक थैलियों के हानिकारक प्रभाव के बजाय हमें सकारात्मक बदलाव और किसी को भी प्रकृति के लिए अच्छी आदतें अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है. इस दिन, आइए याद रखें कि हम जो भी चुनाव करते हैं, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, उसका लंबे समय तक प्रभाव रहता है. आइए हम मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हमारी दुनिया आने वाली पीढ़ियों के लिए एक खूबसूरत मंच बनी रहे.``