Updated on: 21 January, 2025 03:31 PM IST | Mumbai
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"काम का हर पल यहां खास बन जाता है, मिड-डे में हर सपना नया रूप पाता है।"
श्री विकास जोशी - Managing Director - Mid Day Infomedia Ltd
मुंबई का चहेता अखबार मिड-डे अब सिर्फ खबरों तक सीमित नहीं है, बल्कि "अ बीकन ऑफ हैप्पीनेस एट वर्क" बन गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान कर्मचारियों के एक व्यापक और भरोसेमंद सर्वेक्षण के आधार पर मिला है, जिसमें उनकी सच्ची और ईमानदार भावनाओं को समझा गया और सराहा गया।
"काम का हर पल यहां खास बन जाता है, मिड-डे में हर सपना नया रूप पाता है।"
यह सन्मान सिर्फ एक प्रमाण नहीं, यह हर कर्मचारी की मेहनत और खुशी का सम्मान है।
प्रबंध निदेशक श्री विकास जोशी के अनुसार, यह उपलब्धि इस बात की याद दिलाती है कि खुश कर्मचारी ही असाधारण परिणामों की बुनियाद हैं। उन्होंने कहा, "यह प्रमाणन हमारी टीम की हैप्पीनेस और पॉजिटिविटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह साबित करता है कि जब कर्मचारी खुश और प्रेरित होते हैं, तो वे न केवल बेहतर बेहतरीन काम देते हैं, बल्कि एक मजबूत और सकारात्मक प्रभाव भी पैदा करते हैं।" मिड-डे की यह सफलता बताती है कि सकारात्मक दृष्टिकोण और एकजुटता से किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है।
मानव संसाधन (HR) प्रमुख, सुश्री श्री अग्रवाल ने इस सफलता को कला की तरह बयान किया। उन्होंने कहा, "मिड-डे में हमारा उद्देश्य काम को एक उद्देश्यपूर्ण कैनवास बनाना है। यहां समावेश ब्रश की तरह है, विविधता इसमें रंग भरती है, और अपनापन इसे जीवंत करता है। हमारा लक्ष्य ऐसा कार्यस्थल बनाना है जहां हर व्यक्ति मूल्यवान और सराहा हुआ महसूस करे।"
"हैप्पीएस्ट प्लेसेस टू वर्क" की प्रबंध भागीदार नम्रता टाटा ने मिड-डे की इस उपलब्धि की सराहना की और कर्मचारियों की सकारात्मकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रेरणादायक बताया।
मिड-डे ने यह साबित किया है कि जब आप अपने कर्मचारियों की मानसिक और भावनात्मक भलाई में निवेश करते हैं, तो न सिर्फ कार्यस्थल बेहतर बनता है, बल्कि इसके परिणाम भी असाधारण होते हैं। जब कर्मचारी किसी कंपनी के दिल में होते हैं, तो असाधारण चीजें होती हैं।
जैसे ही मिड-डे "हैप्पीएस्ट प्लेस टू वर्क" के रूप में इस नए अध्याय की शुरुआत करता है, यह हर प्रकार के कार्यस्थल के लिए एक मिसाल पेश करता है। खासतौर पर आज के चुनौतीपूर्ण समय में, कर्मचारियों में निवेश करना सबसे जरूरी है। क्योंकि खुशी सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि सफलता का नक्शा है।
फिल्मी सितारों और खेल जगत के नायकों से लेकर आम मुंबईकर तक, मिड-डे हर किसी से खास जुड़ाव रखता है। यह मुंबई के सबसे जीवंत अखबार का परिचय है।
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