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मकर संक्रांति 2024: 14 या 15 किस तारीख को मनाया जाएगा उत्तरायण? ऐसे करें सूर्य पूजा

Updated on: 03 January, 2024 08:16 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

कुछ ही दिनों में मकर संक्रांति (मकर संक्रांति 2024) का त्योहार आने वाला है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है. बहुत से लोग गंगा स्नान भी करते हैं. जानने वाली बात यह है कि इस वर्ष जनवरी माह में किस तिथि को अवतरण उत्सव मनाया जाएगा? इस प्रकार यह त्यौहार चौदह या पन्द्रह जनवरी को ही आता है.

प्रतिकात्मक तस्वीर

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कुछ ही दिनों में मकर संक्रांति (मकर संक्रांति 2024) का त्योहार आने वाला है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है. बहुत से लोग गंगा स्नान भी करते हैं. जानने वाली बात यह है कि इस वर्ष जनवरी माह में किस तिथि को अवतरण उत्सव मनाया जाएगा? इस प्रकार यह त्यौहार चौदह या पन्द्रह जनवरी को ही आता है.

इस त्यौहार के दिन दिन और रात का समय एक समान होता है. मकर संक्रांति को लेकर इस बार लोग असमंजस में हैं कि इस साल यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाए या 15 जनवरी को? आइए जानते हैं साल 2024 में मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी.


इस वर्ष किस तिथि को मनाई जाएगी संक्रांति?


ज्योतिष और पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति (Makar Sankrit 2024) का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य देव दोपहर 02:54 बजे धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. इसलिए इस दिन यह त्योहार मनाया जाएगा. मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 07:15 बजे से शाम 06:21 बजे तक माना जाता है. साथ ही मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल सुबह 07:15 से 09:06 बजे तक रहेगा.

मकर संक्रांति के दिन कैसे करनी चाहिए पूजा?


इस साल मकर संक्रांति (मकर संक्रांति 2024) 15 जनवरी को मनाई जाने वाली है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा करनी होती है. इस दिन स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है इसलिए पीले वस्त्र पहनकर ही सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए. अंत में आरती और दान किया जाए तो पुण्य मिलता है. इसलिए इस दिन दान का बहुत महत्व है.

मकर संक्रांति का क्या महत्व है? इस दिन किन वस्तुओं का दान करना चाहिए?

जब सूर्य उत्तरायण (मकर संक्रांति 2024) करता है, तो इस समय को देवता का पुण्य काल माना जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन स्वर्ग के द्वार खुलते हैं. इस समय मोक्ष भी प्राप्त होता है. इसीलिए भीष्म पितामह ने महाभारत में तीर लगने के बाद अपने प्राण त्यागने के लिए उत्तरायण का समय चुना था. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से सात जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है. कई लोग इस दिन तिल, अनाज, तिल, गुड़, कपड़े और कंबल आदि का दान करते हैं. इस प्रकार दान करने से शनि और सूर्य देव की कृपा बरसती है. इसके साथ ही इस दिन जो भी छोटा या बड़ा दान किया जाता है वह पूरे मन से किया जाए तो उसका फल अच्छा होता है.

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