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मकर संक्रांति 2024: साल का पहला पर्व, जानें इसका महत्व और परंपराएं

Updated on: 21 December, 2024 11:23 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

मकर संक्रांति साल का पहला प्रमुख त्योहार है, जो 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का यह पर्व पूरे भारत में विविध परंपराओं और नामों जैसे लोहड़ी, पोंगल, भोगाली बिहू, और उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है.

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मकर संक्रांति भारत का एक प्रमुख और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है. यह त्योहार सौर कैलेंडर पर आधारित है और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है. मकर संक्रांति भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाई जाती है, जैसे पंजाब में "लोहड़ी," असम में "भोगाली बिहू," तमिलनाडु में "पोंगल," और गुजरात में "उत्तरायण."

मकर संक्रांति का पर्व ऋतु परिवर्तन का संदेश देता है. यह पर्व इस बात का प्रतीक है कि सर्दियों का मौसम समाप्त हो रहा है और दिन लंबा और रातें छोटी होने लगेंगी. साथ ही, यह समय फसलों की कटाई का होता है, इसलिए इसे कृषि पर्व भी कहा जाता है. किसान इस दिन अपनी फसलों की अच्छी उपज के लिए भगवान सूर्य का धन्यवाद करते हैं.


इस पर्व का धार्मिक महत्व भी अत्यधिक है. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को पवित्रता और धर्म-कर्म का दिन माना जाता है. इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति और पुण्य लाभ होता है. यही कारण है कि इस दिन देशभर में कई जगहों पर मेले और धार्मिक आयोजन होते हैं. प्रयागराज का माघ मेला और गंगा स्नान इसकी अद्भुत छटा को दर्शाते हैं.


मकर संक्रांति का एक खास आकर्षण पतंगबाजी है. गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में लोग सुबह से शाम तक आसमान में पतंग उड़ाते हुए आनंद लेते हैं. पतंगबाजी का यह उत्सव न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह उमंग, स्वतंत्रता और एकता का प्रतीक भी है.

मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बने व्यंजन विशेष रूप से खाए और बांटे जाते हैं. तिल-गुड़ का महत्व इस दिन विशेष होता है, क्योंकि इसे स्वास्थ्य और मिठास का प्रतीक माना जाता है. यह संदेश देता है कि हर किसी को अपने जीवन में मिठास और गर्माहट बनाए रखनी चाहिए.


मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और कृषि जीवन की जीवंतता का उत्सव है. यह त्योहार सामाजिक मेलजोल, धार्मिक आस्था और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता को बढ़ावा देता है

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