Updated on: 15 November, 2024 06:30 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र के यवतमाल में शाह ने कहा कि मोदी जी वक्फ कानून बदलना चाहते हैं, लेकिन उद्धव जी, शरद पवार और सुप्रिया सुले इसका विरोध कर रहे हैं.
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह। (तस्वीर/पीटीआई)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं के विरोध के बावजूद वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के मोदी सरकार के संकल्प को दोहराया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के उमरखेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी जी वक्फ बोर्ड कानून बदलना चाहते हैं, लेकिन उद्धव जी, शरद पवार और सुप्रिया सुले इसका विरोध कर रहे हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक चुनावी राज्य महाराष्ट्र और झारखंड में रैलियों में बोलते हुए शाह ने वक्फ बोर्ड और इसके शासी कानून में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया. शाह ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों और महाकाव्य महाभारत के बीच समानताएं बताते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को `पांडव` और महा विकास अघाड़ी को `कौरव` के रूप में चित्रित किया. शाह ने कहा, "उद्धव ठाकरे का दावा है कि उनकी शिवसेना असली है. क्या असली शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के खिलाफ जा सकती है? क्या असली शिवसेना अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने के खिलाफ जा सकती है? असली शिवसेना भाजपा के साथ खड़ी है”.
शाह ने महायुति गठबंधन द्वारा महिलाओं से किए गए वादे का भी जिक्र किया कि उन्हें लड़की बहन योजना के तहत हर महीने 2,100 रुपये मिलेंगे. रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा, शाह ने रैली में दोहराया कि “कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और दुनिया की कोई भी ताकत इसे हमसे नहीं छीन सकती.” बुधवार को झारखंड के बाघमारा में एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री ने कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की भूमि अधिग्रहण प्रथाओं के बारे में चिंताओं को संबोधित किया.
उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने की आदत है. कर्नाटक में इसने ग्रामीणों की संपत्ति हड़प ली है. इसने मंदिरों, किसानों और ग्रामीणों की जमीनें हड़प ली हैं...मुझे बताइए कि वक्फ बोर्ड में बदलाव की जरूरत है या नहीं. हेमंत बाबू और राहुल गांधी कहते हैं कि नहीं. मैं आपसे कहता हूं कि उन्हें इसका विरोध करने दीजिए, भाजपा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित करेगी. हमें कोई नहीं रोक सकता. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव होने हैं, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. जैसे-जैसे प्रचार तेज होता जा रहा है, सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी एमवीए दोनों ही मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
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