Updated on: 29 June, 2024 08:05 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दिल्ली में कथित शराब घोटाला केस के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
अरविंद केजरीवाल (फ़ाइल फोटो)
दिल्ली में कथित शराब घोटाला केस के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
सीएम केजरीवाल को शराब नीति मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई अधिकारी कोर्ट लेकर पहुंचे थे. सीबीआई कोर्ट को बताया कि उसे अब सीएम अरविंद केजरीवाल की रिमांड नहीं चाहिए. साथ ही जांच एजेंसी ने कोर्ट से सीएम केजरीवाल की हिरासत की मांग की. सीबीआ की मांग पर विचार करते हुए केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
जांच एजेंसी सीएम केजरीवाल पर पूछताछ में सहयोग न करने का आरोप लगाया था. जांच एजेंसी सीएम केजरीवाल पर पूछताछ में सहयोग न करने का आरोप लगाया था. केजरीवाल ने जानबूझकर शराब घोटाले से जुड़े सवालों के जवाब भी नहीं दिया. नई शराब नीति में प्रॉफिट मार्जिन 5 परसेंट से 12 परसेंट किए जाने पर सही जवाब नहीं दिया.
सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में दलील दी कि उस वक्त कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. उस वक्त कैबिनेट में शराब पॉलिसी में बदलाव करने की क्या जरूरत थी. शरीब नीति को लागू करने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी.
आम आदमी पार्टी (आप) के वकील ने भी एक्स पर पोस्ट किया और कहा, "मोदी सरकार की गंदी चालें अरविंद केजरीवाल की रिहाई से डरती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच में शामिल होने के लगभग एक साल बाद उसी मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा है. इससे पता चलता है कि भाजपा की प्रतिशोधी मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है."
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की निचली अदालत द्वारा पारित जमानत के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि निचली अदालत को कम से कम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 की दो शर्तों को पूरा करने पर अपनी संतुष्टि दर्ज करनी चाहिए थी. न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाश पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि निचली अदालत ने दस्तावेजों और तर्कों की उचित तरीके से सराहना नहीं की. न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने कहा कि मामले में अंतिम आदेश पारित किए बिना केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगाने का उच्च न्यायालय का निर्णय "असामान्य" था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT