Updated on: 20 August, 2024 07:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सीबीआई ने पत्र और उसकी सामग्री को फर्जी बताया जिसमें मामले की जांच वापस लेने की मांग करने वाले अधिकारी का नाम है.
देश के कई हिस्सों में डॉक्टर इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. फाइल फोटो/पीटीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले में सोशल मीडिया पर घूम रहे फर्जी पत्र के बारे में आधिकारिक बयान जारी किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच से संबंधित अपने नाम से सोशल मीडिया पर घूम रहे एक फर्जी पत्र के बारे में लोगों को आगाह किया. सीबीआई ने पत्र और उसकी सामग्री को फर्जी बताया जिसमें मामले की जांच वापस लेने की मांग करने वाले सीबीआई अधिकारी का नाम है.
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रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि सीबीआई मुख्यालय में ऐसा कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है और लोगों से इस पत्र के झांसे में न आने का आग्रह किया. इस बीच, सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में मंगलवार को अपनी जांच जारी रखी.
सीबीआई के सूत्रों ने पहले कहा था कि सीबीआई को गिरफ्तार आरोपियों पर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मिल गई है. 18 अगस्त को, सीबीआई की टीम ने कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में जांच और 3डी लेजर मैपिंग की. रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने जनवरी 2021 से अब तक की अवधि के दौरान आर. जी. कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच और जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.
न्याय की मांग करते हुए, बंगाल संगीत उद्योग के प्रमुख कलाकारों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया. रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार शाम को अभिनेता साहेब चटर्जी, रेडियो व्यक्तित्व मीर अफसर अली और अन्य सहित कई कलाकार इस मामले पर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतरे. 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या कर दी गई, जिसके कारण देश भर में हड़ताल हुई. पूरे राज्य में नागरिक समाज और डॉक्टरों ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की और खुद की सुरक्षा की मांग की. कोलकाता पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया. इस बीच, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी मामले का संज्ञान लिया है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ एक पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं जो मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी.
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