Updated on: 23 September, 2024 01:15 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
राउत ने कहा कि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत करके और राजनीतिक जोखिम उठाकर बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था, लेकिन अब उनकी उपयोगिता खत्म हो चुकी है.
राउत ने आरोप लगाया कि शिंदे को हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा करके इन्हें दिल्ली के `गुजराती चैंबर ऑफ कॉमर्स` को देना होगा.
महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में तनाव बढ़ता दिख रहा है. इस बीच, चर्चा है कि अजित पवार को गठबंधन से बाहर करने की कोशिशें की जा रही हैं, और यह सब एक योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है. शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इस संदर्भ में बड़ा बयान देते हुए आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अजित पवार को महागठबंधन से बाहर करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है और इस योजना में शिंदे गुट के कुछ नेता भी शामिल हैं.
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राउत का कहना है कि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत करके बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, लेकिन अब उनकी उपयोगिता खत्म हो चुकी है. उनका दावा है कि बीजेपी और शिंदे गुट, अजित पवार को बाहर करके अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. राउत ने कहा कि बीजेपी और शिंदे गुट की ओर से ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं, जिससे अजित पवार को राजनीतिक और व्यक्तिगत तौर पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
संजय राउत ने यह भी कहा कि अजित पवार इस योजना के पहले शिकार होंगे और भविष्य में एकनाथ शिंदे को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. उनके अनुसार, महाराष्ट्र की राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं बढ़ रही हैं और बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. राउत ने दावा किया कि दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व ने शिंदे को महाराष्ट्र चुनाव का पूरा खर्च उठाने का निर्देश दिया है, जिसमें झारखंड और हरियाणा चुनावों का खर्च भी शामिल है. उनका आरोप है कि शिंदे का मुख्यमंत्री पद इसी आर्थिक समर्थन पर निर्भर है और इसके लिए राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है.
राउत ने आरोप लगाया कि शिंदे को हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा करके इन्हें दिल्ली के `गुजराती चैंबर ऑफ कॉमर्स` को देना होगा. उनका कहना है कि वर्तमान हालात महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक कलह की ओर इशारा कर रहे हैं, जो आने वाले समय में महागठबंधन की संरचना और स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं.
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