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एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र चुनाव में ईवीएम घोटाले का आरोप लगाया, चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

Updated on: 29 November, 2024 11:13 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद, एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने ईवीएम में घोटाले का आरोप लगाया. उन्होंने सतारा और पाटन क्षेत्रों में समान वोटों के आंकड़े को लेकर सवाल उठाए.

Jitendra Awhad, NCP

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की हाइलाइट्स

  1. जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र चुनाव में ईवीएम घोटाले का आरोप लगाया
  2. सतारा और पाटन क्षेत्र में समान 90,935 वोटों पर उठाए सवाल
  3. चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर एनसीपी नेता ने किया सवाल खड़ा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद से चुनावी मशीनों यानी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में घोटाले के आरोप लग रहे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड लगातार इस पूरे मामले पर आवाज उठाते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुई वोटिंग को लेकर सवाल उठाए. उनका कहना था कि चुनाव आयोग ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की और घोटालों पर पूरी तरह से खामोश रहा. जितेंद्र आव्हाड ने अपने ट्वीट में कहा कि सतारा के कराड उत्तर विधानसभा क्षेत्र में एनसीपी-शरद पवार पार्टी के उम्मीदवार बालासाहेब पाटिल को 90,935 वोट मिले, जबकि पाटन विधानसभा क्षेत्र में सत्यजीत पाटणकर को भी ठीक उसी संख्या में, यानी 90,935 वोट मिले. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह केवल संयोग था या कुछ और? आव्हाड ने यह भी कहा कि क्या उन ईवीएम मशीनों में कोई गड़बड़ी हुई थी या क्या यह एक साजिश का हिस्सा था? इस पूरे घटनाक्रम को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़ा किया.

 



 


विपक्ष का आरोप है कि राज्य में चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की गई, जिससे परिणामों को प्रभावित किया गया. हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुआ है और किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है.

इन आरोपों के बीच यह भी सच है कि इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति के गठबंधन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रही थी. महाविकास अघाड़ी में शामिल एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना को इस चुनाव में अपेक्षित जीत नहीं मिली. खासकर, एनसीपी इस बार सत्ता में आने के लिहाज से अपेक्षाकृत कमजोर स्थिति में दिखी.

इस बीच, एनसीपी और शरद पवार के समर्थक लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या चुनाव परिणामों में कुछ गड़बड़ी की गई है, जो उनके दल को भारी नुकसान पहुंचा रही है. वहीं, चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रही है और सभी पार्टियों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिला.

इस घटना ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाए हैं, और यह सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की धांधली न हो, ताकि लोकतंत्र में लोगों का विश्वास कायम रहे.

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