Updated on: 24 October, 2023 03:52 PM IST | mumbai
Tanu Chaturvedi
दशहरा हिन्दूओं का बड़ा त्योहार है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धरती को अधर्म पर धर्म की विजय का पाठ पढ़ाया था। दशहरा आज हिन्दूओं के लिए आस्था का भी केंद्र बना हुआ है।
प्रतिकात्मक तस्वीर (पीटीआई)
दशहरा हिन्दूओं का बड़ा त्योहार है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धरती को अधर्म पर धर्म की विजय का पाठ पढ़ाया था। दशहरा आज हिन्दूओं के लिए आस्था का भी केंद्र बना हुआ है। आज के दिन शिर्डी के साईं बाबा मंदिर में आस्था का सैलाब देखने को मिला। मंदिर में लोग साईं बाबा की जय का नारा लगाते हुआ आगे बढ़ रहे थे और सभी धर्मों को मानने वाले साईं बाबा के दर्शन करते दिखे। हालांकि इस मंदिर में हमेशा ही भीड़ होती है लेकिन इस दिन लोगों की भीड़ हमेशा से ज्यादा ही रही।
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इसी क्रम में बात करते हैं कानपुर के रावण मंदिर की। एक अनोखा मंदिर है कानपुर का। जो साल में एक ही बार दशहरे पर खुलता है। यहां रावण की पूजा अर्चना होती है। वैसे तो रावण राक्षस प्रजाति का था लेकिन यदि उसके ज्ञान और विद्वता की बात करें तो वह प्रकांड विद्वान और ब्राह्मण था। वह बहुत बड़ा शिव भक्त था। कथा है कि रावण ने भगवान शंकर पर अपने 9 सिर न्यौछावर कर दिए थे, इससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे 10वां सिर फिर से दिया और यहीं से वह दशानन (दस सिर वाला) कहलाया।
कानपुर के रावण मंदिर के पूजारी राम बाजपेयी ने बताया कि हम आज इस मंदिर को खोलते हैं और आज दशहरे के दिन रावण की पूजा करते हैं। फिर शाम को पुतला जलाने के बाद हम इस मंदिर को बंद कर देते हैं। यह केवल दशहरे के दिन खुलता है... हम उनके ज्ञान के लिए उनकी पूजा करते हैं।" भारत में आरएसएस (राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ) की ओर से भी दशहरा रैली का आयोजन किया जाता है। आरएसएस सदस्य ने विजयादशमी उत्सव के अवसर पर `पथ संचलन` (मार्ग मार्च) का आयोजन करते हैं। पूरे देश में संघ की अलग-अलग शाखाओं की ओर से ये संचालन किया गया। संघ की विशेष रैली में इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित पद्मश्री शंकर महादेवन भी उपस्थित थे।
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