Updated on: 04 May, 2025 02:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव लगातार बढ़ रहा है क्योंकि पाकिस्तानी सेना बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी कर रही है.
प्रतीकात्मक तस्वीर/पीटीआई
यह लगातार 10वां दिन है जब भारत 25-26 अप्रैल की रात को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी का कड़ा जवाब दे रहा है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव लगातार बढ़ रहा है क्योंकि पाकिस्तानी सेना बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी कर रही है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुई गोलीबारी में एक नेपाली नागरिक सहित करीब 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारतीय सेना ने कड़ी और जवाबी कार्रवाई की है.
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रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना ने कहा कि ये उकसावे 24 अप्रैल 2025 की रात को शुरू हुए, जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. तब से, संघर्ष विराम उल्लंघन उत्तरी कश्मीर से जम्मू क्षेत्र तक फैल गया है. भारतीय रक्षा प्रवक्ताओं ने पुष्टि की कि भारतीय सैनिकों ने इस आक्रमण का "तुरंत और आनुपातिक रूप से" जवाब दिया.
भारतीय सेना के जवानों ने इन अकारण गोलीबारी का एक संतुलित और आनुपातिक तरीके से जवाब दिया है, जिसके कारण संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है. ये संघर्ष विराम उल्लंघन दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच हाल ही में हुए संचार के बावजूद हुए हैं, जिसके दौरान भारत ने सीमा पर पाकिस्तान की कार्रवाइयों के लिए उसे चेतावनी जारी की थी. रिपोर्ट के अनुसार तनाव बढ़ने के जवाब में, सीमावर्ती ग्रामीणों ने आगे के संघर्ष की बढ़ती चिंताओं के बीच सामुदायिक और व्यक्तिगत बंकर तैयार करना शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान ने जवाबी कूटनीतिक और आर्थिक कदम भी उठाए हैं, जिसमें व्यापार को निलंबित करना, वाघा सीमा को बंद करना और पानी के बहाव को रोकने की चेतावनी देना शामिल है, इसे "युद्ध की कार्रवाई" कहा गया है. भारत और पाकिस्तान द्वारा 25 फरवरी, 2021 को अपने संघर्ष विराम समझौते को नवीनीकृत करने के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर संघर्ष विराम उल्लंघन दुर्लभ हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि एहतियात के तौर पर चिंतित सीमावर्ती ग्रामीणों ने अपने समुदाय की सफाई शुरू कर दी है और आगे की आवश्यक कदम उठाने के लिए व्यक्तिगत बंकरों को तैयार करना शुरू कर दिया है.
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