Updated on: 05 May, 2025 02:42 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
प्रकाश अंबेडकर ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार से सीधे सवाल किया है कि एक संप्रभु राष्ट्र को किसी विदेशी व्यक्ति की पैरवी करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है, जबकि देश के पास अपना विदेश मंत्रालय है.
X/Pics, Prakash Ambedkar
वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने आज केंद्र सरकार से एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा. अंबेडकर ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्यों भारत सरकार ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुख्य सलाहकार जेसन मिलर को भारत सरकार द्वारा पहलगाम हमले के बाद लॉबिंग के लिए नियुक्त किया है. इस नियुक्ति को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, और अंबेडकर ने इसका तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग की है.
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सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जेसन मिलर को भारत सरकार द्वारा हर महीने 150,000 अमेरिकी डॉलर का वेतन देने के साथ नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति भारत सरकार के फैसले के तहत की गई है, और इसमें उनकी भूमिका पहलगाम हमले के बाद भारत के लिए लॉबिंग करना है. जेसन मिलर का इतिहास अमेरिकी राजनीति में एक प्रमुख सलाहकार के रूप में रहा है, लेकिन अब भारत सरकार के लिए उनकी भूमिका के बारे में सवाल उठाए जा रहे हैं.
पंतप्रधान नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शहा, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा यांनी सांगावे की, अमेरिकी राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रम्प यांच्या सरकारमधील सलाहकार जेसन मिलर यांची नेमणूक केली आहे का?
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) May 5, 2025
जेसन मिलरकडून परवानगी आल्याशिवाय आपण पहलगाम प्रकरणी काही कारवाई करणार नाही का ? याचा खुलासा… pic.twitter.com/KsZuqqqqzb
प्रकाश अंबेडकर ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार से सीधे सवाल किया है कि एक संप्रभु राष्ट्र को किसी विदेशी व्यक्ति की पैरवी करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है, जबकि देश के पास अपना विदेश मंत्रालय है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अपनी नीतियों में पारदर्शिता दिखानी चाहिए और इस मामले पर स्पष्टता देनी चाहिए, ताकि देश के नागरिकों को इस नियुक्ति के कारण और उद्देश्य के बारे में सही जानकारी मिल सके.
इसके अलावा, अंबेडकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी पूछा कि क्या जेसन मिलर की यह नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की गई थी? अगर हां, तो इसका कारण क्या था? इस मामले को लेकर अंबेडकर ने मांग की कि भारत सरकार को देश की जनता के सामने स्पष्ट जवाब देना चाहिए और यह जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.
अंबेडकर ने यह भी पूछा कि क्या भारत सरकार बिना जेसन मिलर की अनुमति के कोई कार्रवाई नहीं करेगी? यह एक गंभीर सवाल है, और अंबेडकर ने इस पर तत्काल और विश्वसनीय प्रतिक्रिया की मांग की है. उनका कहना है कि यदि किसी विदेशी को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है, तो उसे लेकर पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है.
इससे पहले, जेसन मिलर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मुख्य सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. उनके भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने को लेकर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि भारत जैसे संप्रभु देश को अपनी विदेश नीति के लिए किसी विदेशी सलाहकार की जरूरत क्यों पड़ी, यह एक बड़ा सवाल बन गया है.
प्रकाश अंबेडकर ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि देश की सुरक्षा और नीति में किसी भी प्रकार की विदेशी हस्तक्षेप से बचने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.
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