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अमेरिका जाते हुए लोगों की मौत देखी, एजेंट का धोखा फिर बेड़ियों में जकड़े वापस: निर्वासितों ने बताई आपबीती

Updated on: 07 February, 2025 12:20 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के 36 वर्षीय निवासी ने कहा कि उन्हें 24 जनवरी को अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया था.

अमृतसर के हवाई अड्डे पर विमान. फोटो/पीटीआई

अमृतसर के हवाई अड्डे पर विमान. फोटो/पीटीआई

बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के सैन्य विमान में लाए गए 104 निर्वासितों में शामिल जसपाल सिंह ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के 36 वर्षीय निवासी ने कहा कि उन्हें 24 जनवरी को अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया था. विभिन्न राज्यों के ये अप्रवासी बुधवार को सी-17 ग्लोबमास्टर से अमृतसर पहुंचे. वे अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीयों का पहला ऐसा जत्था था. 

रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब से 30 निर्वासित लोगों को अमृतसर हवाई अड्डे से पुलिस वाहनों में उनके गृहनगर ले जाया गया. सिंह उनमें से एक थे. बुधवार रात अपने गृहनगर पहुंचने के बाद, उन्होंने कहा कि उन्हें एक ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया, जिसने उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का वादा किया था. सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है. 


उन्होंने दावा किया, "हमें लगा कि हमें दूसरे शिविर में ले जाया जा रहा है. फिर एक पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि उन्हें भारत ले जाया जा रहा है. हमें हथकड़ी लगाई गई थी और हमारे पैरों में जंजीरें थीं. अमृतसर हवाई अड्डे पर इन्हें खोला गया." उन्होंने आगे कहा कि निर्वासन से वे टूट गए. सिंह ने कहा, "बहुत बड़ी रकम खर्च की गई. पैसे उधार लिए गए थे." रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले, उनके चचेरे भाई जसबीर ने कहा, "हमें बुधवार सुबह मीडिया के माध्यम से उनके निर्वासन के बारे में पता चला. ये सरकारों के मुद्दे हैं. जब हम काम के लिए विदेश जाते हैं, तो हमारे पास अपने परिवारों के बेहतर भविष्य के लिए बड़े सपने होते हैं. वे अब टूट गए हैं."


बुधवार रात होशियारपुर में अपने गृह नगर पहुंचे दो और निर्वासितों ने भी अपनी आपबीती सुनाई, जो उन्होंने अमेरिका पहुंचने के लिए झेली. रिपोर्ट के मुताबिक होशियारपुर के तहली गांव के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि वे अगस्त 2024 में अमेरिका के लिए रवाना हुए थे. उन्होंने कहा, "हमने पहाड़ियां पार कीं. एक नाव, जो हमें अन्य व्यक्तियों के साथ ले जा रही थी, समुद्र में पलटने वाली थी, लेकिन हम बच गए."

उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने पनामा के जंगल में एक व्यक्ति को मरते हुए और दूसरे को समुद्र में डूबते हुए देखा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ व्यापक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने यह कार्रवाई की है. पंजाब पुलिस और विभिन्न राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के अंदर निर्वासित लोगों से पूछताछ की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है.


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