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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती, हालत स्थिर

Updated on: 14 December, 2024 06:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्हें न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में भर्ती कराया गया है.

वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी। फाइल फोटो

वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी। फाइल फोटो

वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उनकी हालत "स्थिर" बताई जा रही है और उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है. उन्हें न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में भर्ती कराया गया है. 96 वर्षीय पूर्व उप प्रधानमंत्री को करीब दो दिन पहले अस्पताल लाया गया था. 

रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को इस साल की शुरुआत में भी इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके अस्पताल में भर्ती होने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है. इस साल जुलाई में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इससे कुछ दिन पहले ही 96 वर्षीय पूर्व उप प्रधानमंत्री को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से रात भर भर्ती रहने के बाद छुट्टी दी गई थी. हाल ही में 30 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया. 


8 नवंबर, 1927 को कराची (वर्तमान पाकिस्तान) में जन्मे आडवाणी 1942 में स्वयंसेवक के रूप में आरएसएस में शामिल हुए. उन्होंने 1986 से 1990 तक, फिर 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद से आडवाणी सबसे लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर में लालकृष्ण आडवाणी पहले गृह मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी (1999-2004) की कैबिनेट में उप प्रधान मंत्री रहे. 


भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 2009 के चुनावों से पहले, संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष के नेता होने के नाते आडवाणी को 16 मई 2009 को पूरे होने वाले आम चुनावों के लिए भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार माना जा रहा था. 10 दिसंबर 2007 को, भाजपा के संसदीय बोर्ड ने औपचारिक रूप से 2009 में होने वाले आम चुनावों के लिए आडवाणी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. लेकिन जब कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने 2009 के आम चुनावों में जीत हासिल की, तो आडवाणी ने सुषमा स्वराज के लिए 15वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता बनने का मार्ग प्रशस्त किया.


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