Updated on: 21 June, 2025 01:04 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज पर आयोजित इस कार्यक्रम में नागरिक प्रशासन, उत्तर रेलवे, सीआरपीएफ के अधिकारियों और योग उत्साही लोगों ने भाग लिया.
चिनाब पुल. छवि/फ़ाइल चित्र
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के मद्देनजर, रियासी जिला प्रशासन ने शनिवार को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, प्रतिष्ठित चिनाब रेल ब्रिज पर एक विशेष योग सत्र आयोजित किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर आयोजित इस कार्यक्रम में नागरिक प्रशासन, उत्तर रेलवे, सीआरपीएफ के अधिकारियों, निवासियों और योग उत्साही लोगों ने भाग लिया.
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रिपोर्ट के मुताबिक चिनाब घाटी के शांत परिदृश्य के बीच, योग सत्र आयोजित किया गया, जहाँ प्रतिभागियों ने विभिन्न आसन किए. इससे पहले, 9 जून को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया. चिनाब ब्रिज, जिसे वास्तुकला का चमत्कार कहा जाता है, नदी से 359 मीटर ऊपर है.
यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है जिसे भूकंप और हवा के भार को झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पुल का जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा और निश्चित रूप से कनेक्टिविटी को बहुत आसान बना देगा. 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राज्यों में व्यापक भागीदारी देखी गई. इस वर्ष का विषय "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" है, जो वैश्विक कल्याण के भारत के दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित करता है और कल्याण के एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है. यह "सर्वे संतु निरामया" (सभी रोग मुक्त हों) के भारतीय लोकाचार से प्रेरित होकर मानव और ग्रह स्वास्थ्य की परस्पर संबद्धता पर जोर देता है.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने योग को "उम्र से परे" एक उपहार के रूप में सराहा, जो सभी सीमाओं को पार करता है और मानवता को "स्वास्थ्य और सद्भाव" में एकजुट करता है. रिपोर्ट के मुताबिक विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से "आंतरिक शांति" को "वैश्विक नीति" के रूप में अपनाने और योग को एक साझा वैश्विक दायित्व बनाने का आग्रह किया.
विशाखापत्तनम में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के दौरान बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने देशों से योग को न केवल एक व्यक्तिगत या सांस्कृतिक अभ्यास के रूप में अपनाने का आग्रह किया, बल्कि मानवता के लिए एक एकीकृत शक्ति के रूप में अपनाने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री मोदी के साथ लाखों योग प्रेमी, स्थानीय लोग और आंध्र प्रदेश के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के भारत के 2014 के प्रस्ताव पर भी विचार किया और बताया कि कैसे रिकॉर्ड समय में 170 से अधिक देशों ने इस कदम का समर्थन किया. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि "योग तब से एक विश्वव्यापी अभ्यास बन गया है जो शांति, संतुलन और सहयोग का प्रतीक है. इस वर्ष के समारोह में राज्यों के लाखों लोगों ने भाग लिया."
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