Updated on: 21 November, 2023 10:05 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कोरोना महामारी के चलते लोगों का ध्यान अन्य बिमारियों पर नहीं जा रहा है. ऐसी ही एक बीमारी है खसरे की. खसरे को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने रिपोर्ट जारी की है.
प्रतिकात्मक तस्वीर/एएफपी
कोरोना महामारी के चलते लोगों का ध्यान अन्य बिमारियों पर नहीं जा रहा है. ऐसी ही एक बीमारी है खसरे की. खसरे को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना के बाद खसरे से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है.
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दरअसल, खसरे का टीकाकरण कोरोना के कारण रोक दिया गया. इसके बाद साल 2021 से 2022 के बीच भारत सहित पूरी दुनिया में खसरे से होने वाली मौत के मामलों में 43 फीसदी की बढ़त देखी गई. इस अवधि में 1.36 लाख मौतें हुई हैं, जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं. स्थिति इतनी गंभीर है कि साल 2022 में पूरी दुनिया में कुल 90 लाख खसरे के मरीज बढ़े हैं. आपको बता दें कि साल 2021 में दुनिया के 22 देशों में खसरा के मामले सामने आए थे लेकिन अगले ही साल 2022 में इन देशों की संख्या बढ़कर 37 तक पहुंच गई है.
आपको बता दें कि टीकाकरण के तहत दो खुराक दी जाती हैं. कोरोना के कारण साल 2021-22 के बीच करीब 3.3 करोड़ बच्चे टीकाकरण से दूर रहे. 2.2 करोड़ को पहली और 1.1 करोड़ बच्चों को दूसरी खुराक नहीं मिल पाई. रिपोर्ट में सामने आया है कि 2022 में 83 प्रतिशत बच्चों को ही पहली खुराक मिल पाई जबकि 74 फीसदी को दूसरी खुराक मिली. सही तरीके से दवाई न मिल पाने के कारण लोगों में खसरे का खतरा देखा जा रहा है.
इस बीमारी से रोकथाम के लिए कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं. कई जगहों पर लोगों के लिए बचाव कार्य भी किए जा रहे हैं. ऐसे में सभी नागरिकों को भी जागरूक होने की ज़रूरत है.
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