Updated on: 04 November, 2024 03:12 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इससे ना सिर्फ फैंस बल्कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भी निराशा हुई है. उन्होंने संकेत दिया है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद कुछ दिग्गज खिलाड़ियों को बाहर किया जा सकता है.
गौतम गंभीर (फाइल फोटो)
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम के शर्मनाक प्रदर्शन ने क्रिकेट फैंस को सदमे में डाल दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि जो टीम 20 दिन पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) में नंबर वन थी, वह अचानक फॉर्म से बाहर कैसे हो सकती है. इससे ना सिर्फ फैंस बल्कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी निराशा हुई है. उन्होंने संकेत दिया है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद कुछ दिग्गज खिलाड़ियों को बाहर किया जा सकता है. इतना ही नहीं कोच गौतम गंभीर भी सवालों के घेरे में आ गए हैं और उनके प्रदर्शन की भी जांच की जाएगी.
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श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज हार के बाद से गंभीर 4 महीने में दबाव में आ गए हैं. काफी धूमधाम से उन्हें कोच नियुक्त किया गया और ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयन समिति में भी जगह दी गई. गंभीर के पदभार संभालने के तुरंत बाद, भारत 27 वर्षों में पहली बार श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला हार गया और फिर न्यूजीलैंड ने रविवार को घरेलू टेस्ट मैचों में उनकी टीम का 3-0 से सफाया कर दिया. यह कुछ ऐसा है जो टीम ने अपनी लंबी क्रिकेट यात्रा में कभी नहीं देखा है.
गंभीर की यह थ्योरी कि चाहे कुछ भी हो जाए, वैसे ही खेलते रहना चाहिए, भारतीय क्रिकेट से जुड़े लोगों की भी समझ में नहीं आई. मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट की दूसरी शाम तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को नाइट वॉचमैन के रूप में भेजना और पहली पारी में सरफराज खान को 8वें नंबर पर भेजना कुछ ऐसे रणनीतिक कदम हैं जिन पर हर कोई सवाल उठा रहा है.
गौतम गंभीर को वो सुविधा दी गई जो पूर्व कोच रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ को नहीं थी. बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक कोई भी कोच चयन समिति की बैठक का हिस्सा नहीं बन सकता. ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए इस नियम को दरकिनार कर दिया गया. गंभीर ने चयन समिति की बैठक में हिस्सा लिया. हैरानी की बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम का चयन न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खत्म होने से पहले ही कर लिया गया था. कई आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों को जगह दी गई है.
बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यात्रा की गंभीरता को देखते हुए, मुख्य कोच को इसमें शामिल होने की अनुमति दी गई." उन्होंने कहा कि बॉर्डर-गावस्कर टीम में मुख्य कोच (बीजीटी) के आदेश पर कम से कम दो खिलाड़ी शामिल थे. दिल्ली और कोलकाता नाइट राइडर्स के तेज गेंदबाज हर्षित राणा और आंध्र प्रदेश और सनराइजर्स हैदराबाद के ऑलराउंडर नितीश रेड्डी को टेस्ट टीम में शामिल किया गया है.
हर्षित राणा को श्रीलंका या बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला. बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी मैच से पहले उनके अस्वस्थ होने की खबर आई थी. इसी वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही उन्होंने बेंगलुरु में भारतीय नेट्स पर गेंदबाजी करना शुरू कर दिया. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था. यह भी खुलासा हुआ है कि अगर हर्षित का चयन ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के लिए हुआ था तो उन्हें इंडिया ए के साथ ऑस्ट्रेलिया भेजा जाना चाहिए था. इससे उन्हें वहां अभ्यास करने का मौका मिलेगा. इसके बजाय उन्हें मुंबई टेस्ट से पहले टीम में बहाल कर दिया गया और नेट्स में गेंदबाजी करते देखा गया.
जहां तक नितीश रेड्डी की बात है तो वह भारत ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए मैच के दौरान शॉर्ट गेंद पर कैच आउट हुए थे. उनकी गेंदबाजी भी उतनी अच्छी नहीं है. इससे टीम की चिंता बढ़ गई है. गंभीर रेड्डी की टी20 क्षमताओं से काफी प्रभावित हैं और उनका मानना है कि यह खिलाड़ी टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक पांड्या की जगह ले सकता है. ऑस्ट्रेलिया सीरीज गंभीर के लिए अग्निपरीक्षा होगी. उन्हें सीरीज में असफल रहे कुछ सीनियर खिलाड़ियों को भी बाहर का रास्ता दिखाना होगा. बीसीसीआई उनके फैसलों पर नजर रखे हुए है. वाइटवॉश ने दिल्ली के इस शानदार खिलाड़ी को भी जांच के दायरे में ला दिया है. बीसीसीआई ने आखिरी तीर चला दिया है. अब देखना यह है कि क्या ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद सीनियर खिलाड़ियों के साथ कोच भी बाहर हो जाते हैं या फिर वे अपनी जगह बचाने में कामयाब रहते हैं.
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