इस प्रयास का उद्देश्य उन परिवारों की मदद करना है, जिनके पास ठंडक पाने के बुनियादी उपकरण नहीं हैं.
ऐसे इलाकों में, जहाँ छाया या वेंटिलेशन की सुविधा लगभग न के बराबर होती है, गर्मी के दिनों में जीवन बेहद कठिन हो जाता है.
हेमकुंट फाउंडेशन ने इसे देखते हुए जरूरतमंद परिवारों तक पंखे और कूलर पहुँचाने का काम किया. उनका मानना है कि भले ही यह मदद छोटी लगे, लेकिन यह लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है.
तापसी पन्नू ने इस पहल के बारे में अपनी बात रखते हुए कहा, "गर्मी के इस मौसम में, पंखे या कूलर जैसी चीजें जिन्हें हम आमतौर पर हल्के में ले लेते हैं, बहुत से लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होतीं.
यह पहल केवल मदद देने की बात नहीं है, बल्कि लोगों के साथ खड़े होने, उनकी समस्याओं को समझने और उन्हें कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात है. इस अभियान में शामिल होकर मुझे खुशी और गर्व महसूस हो रहा है."
हेमकुंट फाउंडेशन के निदेशक हरतीरथ सिंह ने भी इस पहल की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, "गर्मियों में झुग्गियों में रहना किसी सजा से कम नहीं है.
बिना पंखे या कूलर के लोग दिनभर की थकावट और परेशानी के बावजूद चुपचाप गर्मी सहते हैं. ऐसे में हमारा लक्ष्य उन्हें थोड़ा आराम देना है. यह दिखाना है कि वे अकेले नहीं हैं. यह छोटे-छोटे तरीकों से मानवीय गरिमा और सहानुभूति को बहाल करने का एक प्रयास है."
आगे भी हेमकुंट फाउंडेशन ने ऐसे कई अभियान चलाने की योजना बनाई है. आने वाले हफ्तों में, वे अन्य गर्मी प्रभावित इलाकों में जरूरतमंद लोगों तक पहुँचने की कोशिश करेंगे.
उनका लक्ष्य सबसे कमजोर और वंचित समुदायों को गर्मी से राहत पहुँचाना है, ताकि इस तपिश में उनका जीवन थोड़ा आसान हो सके.
गर्मी की मार झेल रहे लोगों को राहत देने के लिए हेमकुंट फाउंडेशन ने ठंडे पानी और आराम की सुविधा देने का अभियान शुरू किया. वे मानवीय गरिमा को बनाए रखने के छोटे-छोटे कदमों के जरिए, वंचित समुदायों को गर्मी से राहत देने की कोशिश कर रहे हैं.
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