जब हम शाहरुख़ के 33 सालों के सफर का जश्न मना रहे हैं, तो चलिए उन 20 फिल्मों को याद करते हैं जिन्होंने उन्हें सुपरस्टार बनाया और हमें हर बार फिर से उनसे प्यार करने पर मजबूर कर दिया.
दीवाना (1992) – इस फिल्म से शाहरुख ने बॉलीवुड में एंट्री मारी और आते ही अपनी दमदार मौजूदगी से सबको चौंका दिया. `दीवाना` ने उनके अंदर के स्टार को सबके सामने रखा.
बाज़ीगर (1993) – जब सब `हीरो` की परिभाषा को साफ-सुथरे किरदारों में ढूंढ रहे थे, शाहरुख ने `एंटी-हीरो` बनकर सबको चौंकाया. उनका ग्रे शेड वाला किरदार आज भी याद किया जाता है.
डर (1993) – "के...के...के...किरण!" – इस एक डायलॉग ने उन्हें डर का नया चेहरा बना दिया. पज़ेसिव लवर का किरदार निभाते हुए SRK ने साबित कर दिया कि वो सिर्फ रोमांस ही नहीं, इंटेंस ड्रामा में भी मास्टर हैं.
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) – राज का किरदार शाहरुख को हमेशा के लिए किंग ऑफ रोमांस बना गया. ये फिल्म एक दौर नहीं, एक एहसास बन गई.
दिल तो पागल है (1997) – राहुल के रूप में SRK ने न सिर्फ डांस किया, बल्कि प्यार की किस्मत में लिखी कहानी को जी भी लिया. ये फिल्म प्यार और सपनों का खूबसूरत मेल थी.
कुछ कुछ होता है (1998) – कॉलेज लाइफ, क्रश, दोस्ती और मोहब्बत की उलझनों में SRK ने राहुल बनकर दोस्त, पिता और आशिक की हर भावना को बखूबी जिया. इमोशंस से भरा ये किरदार लोगों के दिल में बस गया.
देवदास (2002) – शाहरुख का ट्रैजिक हीरो अवतार, टूटा-बिखरा देवदास, जिसे उन्होंने शायराना अंदाज़ और गहराई से निभाया. ये परफॉर्मेंस एक एक्टिंग मास्टरक्लास थी.
वीर-ज़ारा (2004) – इस सरहद पार मोहब्बत की दास्तान में SRK का सौम्य और जज़्बाती अंदाज़ देखने को मिला. प्यार को समय और सीमाओं से परे दिखाने वाली ये कहानी दिलों को छू गई.
स्वदेश (2004) – मोहान भागर्व जैसे किरदार में SRK ने एकदम सादगी और सच्चाई से भरपूर अभिनय किया. बिना ग्लैमर के, ये शायद उनके सबसे ज़्यादा असली और जुड़ाव वाले किरदारों में से एक था.
चक दे! इंडिया (2007) – कबीर खान बनकर शाहरुख ने देशभक्ति, जुनून और मजबूत परफॉर्मेंस दी. एक फेल हो चुके कोच से चैंपियन बनाने वाले इस किरदार ने सबका दिल जीत लिया.
माय नेम इज़ खान (2010) – अस्पर्जर सिंड्रोम से जूझते रिज़वान के रोल में SRK ने इमोशन, मासूमियत और हिम्मत का मेल दिखाया. ये किरदार दिल को छूने वाला था.
चेन्नई एक्सप्रेस (2013) – ऐक्शन, कॉमेडी और रोमांस का परफेक्ट पैकेज. राहुल के रोल में SRK ने अपनी कॉमिक टाइमिंग से फिर साबित किया कि वो एंटरटेनमेंट के बादशाह हैं.
जवान (2023) – डबल रोल, दमदार डायलॉग्स और पावरफुल ऐक्शन. इस फिल्म में SRK ने दिखाया कि उम्र बस नंबर है, स्टाइल और स्वैग अब भी उनके पास भरपूर है.
फैन (2016) – जब SRK ने खुद का सुपरस्टार और उसी का पागल फैन दोनों का किरदार निभाया, तो उन्होंने ये दिखा दिया कि वो एक्टर के रूप में कितने वर्सेटाइल हैं. ये फिल्म अंडररेटेड ज़रूर रही, लेकिन परफॉर्मेंस दमदार थी.
दिल से (1998): एक पत्रकार के रूप में शाहरुख़ का किरदार एक दर्दभरी मोहब्बत में उलझा हुआ नज़र आया. यह भूमिका उतनी ही शायराना थी जितनी गहरी और दिल को छू जाने वाली.
डॉन (2006): पुराने डॉन को मॉडर्न स्टाइल में SRK ने जब दोबारा जिया, तो गैंगस्टर की परिभाषा ही बदल गई. उनका स्वैग और डराने वाला अंदाज़ फिल्म की जान बना.
डियर ज़िंदगी (2016): डॉक्टर जहांगीर के किरदार में SRK ने हमें ज़िंदगी की छोटी-छोटी बातों में बड़ी सीख दी, और अपनी शांति भरी मौजूदगी से हर किसी का दिल जीता.
रब ने बना दी जोड़ी (2008): सुरिंदर और राज – दो किरदार, एक दिल. इस फिल्म में SRK ने अपने सादगी भरे और स्टाइलिश दोनों पहलुओं से फैंस को दीवाना बना दिया.
रईस (2017): एक ऐसा किरदार जो ना पूरी तरह अच्छा था, ना बुरा. शाहरुख़ ने इसमें ग्लैमर, ग्रे शेड और दमदार एक्टिंग का बेहतरीन मेल दिखाया.
ADVERTISEMENT