Updated on: 14 October, 2024 08:54 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
`द कपिल शर्मा शो` में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले अनुभवी अभिनेता अतुल परचुरे का 14 अक्टूबर को 57 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
लोकप्रिय हास्य अभिनेता-अभिनेता अतुल परचुरे का निधन
टीवी और फिल्म जगत से एक दुखद खबर सामने आई है. अपनी कॉमेडी भूमिकाओं के लिए मशहूर दिग्गज अभिनेता अतुल परचुरे का निधन हो गया है. दिग्गज अभिनेता अतुल परचुरे के निधन पर पूरी फिल्म और टेलीविजन जगत शोक में है और कई जाने-माने कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. `द कपिल शर्मा शो` में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले अनुभवी अभिनेता अतुल परचुरे का 14 अक्टूबर को 57 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह पिछले कुछ सालों से कैंसर से जूझ रहे थे. इस प्रतिभाशाली अभिनेता का आज 14 अक्टूबर को निधन हो गया. अतुल परचुरे की उल्लेखनीय कॉमिक टाइमिंग और मनोरंजन उद्योग में योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
अतुल परचुरे एक बहुमुखी अभिनेता थे जो विभिन्न प्लेटफार्मों पर अपनी असाधारण कॉमिक टाइमिंग और यादगार प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे. अतुल `आरके लक्ष्मण की दुनिया`, `जागो मोहन प्यारे`, `यम हैं हम`, `बड़ी दूर से आए हैं`, `द कपिल शर्मा शो` सहित कई लोकप्रिय मराठी धारावाहिकों में नजर आ चुके हैं. लोकप्रिय कॉमेडी शो में मुख्य भूमिका निभाकर परचुर ने टेलीविजन और फिल्म जगत दोनों में अपनी छाप छोड़ी.
अतुल परचुरे की टेलीविजन उपस्थिति के अलावा, उन्होंने कई हिंदी और मराठी फिल्मों में भी अभिनय किया है. इन फिल्मों में जिन किरदारों से वे सबसे ज्यादा जुड़ते थे, उनके साथ हास्य का मिश्रण करने की उनकी कला ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया. मनोरंजन उद्योग, विशेषकर कॉमेडी में उनके योगदान ने एक स्थायी विरासत छोड़ी है.
पिछले साल जुलाई में एक मशहूर अखबार को दिए इंटरव्यू में `आर.के.` `लक्ष्मण की दुनिया` अभिनेता ने खुलासा किया कि कैंसर निदान को स्वीकार करना उनके लिए आसान था. उन्होंने कहा, ``मैं मानसिक रूप से तैयार था कि मेरे साथ कुछ गलत हुआ है. सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने के बावजूद, काम से अनुपस्थिति उसकी "रातों की नींद हराम" कर देती है. ऐसा नहीं है कि मेरे मन में नकारात्मक विचार नहीं आते. मुझे इस चिंता में कई रातों की नींद हराम हुई कि मैं कब काम पर दोबारा लौटूंगा. एक तरफ आमदनी बंद हो गई, वहीं खर्चे शुरू हो गए और कैंसर के इलाज का खर्च बहुत ज्यादा हो गया है.``
उसी इंटरव्यू में, उन्होंने मेडिक्लेम के महत्व पर जोर दिया, जिससे उन्हें अपने वित्तीय बोझ को प्रबंधित करने में मदद मिली.उन्होंने उस समय साझा किया, “मेडिक्लेम` ने मेरी बचत से मुझे आंशिक रूप से बचाया; नहीं तो बहुत मुश्किल हो जाती. मैं कभी निराश नहीं हुआ क्योंकि मेरे परिवार ने कभी भी मेरे साथ एक मरीज की तरह व्यवहार नहीं किया``.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT