Updated on: 01 April, 2024 07:19 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
होली के आठवें दिन यानी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शीतला अष्टमी का व्रत किया जाता है. यूपी और राजस्थान समेत भारत के कई इलाकों में इस दिन बसौड़ा बनाया जाता है. शीतला माता को इस दिन भोग लगाया जाता है.
प्रतिकात्मक तस्वीर
होली के आठवें दिन यानी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शीतला अष्टमी का व्रत किया जाता है. यूपी और राजस्थान समेत भारत के कई इलाकों में इस दिन बसौड़ा बनाया जाता है. शीतला माता को इस दिन भोग लगाया जाता है. शीतला अष्टमी के दिन घर की विवाहित महिलाएं अपने घर की सुख समृद्धि, संतान की निरोगी व लंबी आयु के लिए व्रत भी रखती हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से बच्चों को चेचक, खसरा और आंखों की बीमारियां आदि नहीं होती. इस दिन बसौड़ा बनाने के साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण काम भी किए जाते हैं.आइए आपको बताते हैं इस दिन क्या करें खास काम...
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शीतल जल से स्नान
शीतला माता को शीतल जल से नहलाने के साथ ही हमारी इम्युनिटि पावर को बढ़ाने के लिए इस दिन घर में सभी को शीतल जल से स्नान करना चाहिए.
पवित्र जल का छिड़काव
शीतला अष्टमी के दिन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ शीतला माता को जल अर्पित करें. घर में इसी जल का छिड़काव भी करना चाहिए, इससे परविरा में सुख-समृद्धि रहती है. ऐसा करने से जीवन में कभी भी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती.
बासी भोजन खाएं
शीतला अष्टमी पर माता को बासी भोजन का ही भोग लगाया जाता है. ऐसे में बासी खाना खाने से हमें बचना चाहिए. खासतौर पर इस दिन तासीर में भी ठंडा जैसे दही, चावल आदि का भोग लगाया जाता है. इसी भोजन को भक्त स्वयं भी ग्रहण करते हैं. शीतला माता को बासी खाने का भोग क्यों लगाया जाता है इसके पीछे भी एक मान्यता है.
मंत्र और पाठ करें
मां का पौराणिक मंत्र `ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः` का जाप इस दिन करना चाहिए. इससे मां घर परिवार को संकट से बचाती हैं.
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