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गणेश चतुर्थी पर दूर्वा का है विशेष महत्व, यहां पढ़े विघ्नहर्ता की कृपा पाने का सरल उपाय

Updated on: 04 September, 2024 09:20 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गणेश जी की पूजा के दौरान दूर्वा चढ़ाना एक अनिवार्य धार्मिक परंपरा है, जिसे भूलना शुभ नहीं माना जाता.

दूर्वा तीन या पांच पत्तियों वाली छोटी घास होती है, जो अपने धार्मिक और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है.

दूर्वा तीन या पांच पत्तियों वाली छोटी घास होती है, जो अपने धार्मिक और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है.

Ganesh Chaturthi 2024: इस वर्ष 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी है. गणेश पूजा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इसे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता माना जाता है. उनकी पूजा में कई वस्तुओं का उपयोग किया जाता है, लेकिन दूर्वा घास (जिसे `दूर्वांकुर` भी कहा जाता है) का विशेष महत्व है. गणेश जी की पूजा के दौरान दूर्वा चढ़ाना एक अनिवार्य धार्मिक परंपरा है, जिसे भूलना शुभ नहीं माना जाता.

दूर्वा का महत्व


दूर्वा तीन या पांच पत्तियों वाली छोटी घास होती है, जो अपने धार्मिक और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, दूर्वा घास भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है. पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि एक बार गणेश जी ने देवताओं की रक्षा के लिए एक असुर का वध किया, लेकिन असुर ने अपने खून की बूंदों से और असुर पैदा कर दिए. इस स्थिति से निपटने के लिए गणेश जी ने दूर्वा को उनके खून पर डाल दिया, जिससे असुरों का प्रसार रुक गया. इसी कारण से दूर्वा को गणेश जी की पूजा में अहम स्थान दिया गया.


दूर्वा चढ़ाने की विधि

गणेश जी की पूजा के दौरान दूर्वा चढ़ाते समय इसे उनके सिर पर रखा जाता है. माना जाता है कि दूर्वा चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी विघ्न दूर करते हैं. इसके अलावा, दूर्वा को तीन या पांच गांठों में बांधकर चढ़ाने की परंपरा भी है. इसे सही तरीके से चढ़ाने से गणेश जी भक्त की इच्छाएं पूरी करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.


वैज्ञानिक महत्व

दूर्वा घास के धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसका वैज्ञानिक महत्व भी है. यह घास औषधीय गुणों से भरपूर होती है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. आयुर्वेद में भी इसे विभिन्न उपचारों में उपयोग किया जाता है.

गणेश पूजा में दूर्वा चढ़ाना केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है. यह न केवल भगवान गणेश को प्रसन्न करता है, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, और विघ्नों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है. इसलिए, गणेश पूजा के दौरान दूर्वा चढ़ाना न भूलें और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें.

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