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Gangaur Festival 2024: आज है राजस्थान का ख़ास त्योहार गणगौर, जानिए क्या इस व्रत का महत्व और मनाने का कारण

Updated on: 11 April, 2024 02:01 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

Gangaur 2024: आज राजस्थान के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में गणगौर का त्योहार मनाया जाता है. ये त्योहार राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर के रूप में मनाया जाता है.

गणगौर त्योहार (फाइल फोटो)

गणगौर त्योहार (फाइल फोटो)

Gangaur Festival 2024: आज राजस्थान के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में गणगौर का त्योहार मनाया जाता है. ये त्योहार राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर के रूप में मनाया जाता है. इस साल गणगौर की पूजा आज 11 अप्रैल 2024 को होग  यह त्योहार महिलाओं के लिए उत्साह, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक होता है.

कौन है ईसर और गौर


गणगौर का त्योहार महिलाएं ईसर गौर की पूजा करके मनाती हैं. ईसर गौर की मूर्तियां मिट्टी से बनाई जाती है. पूजन के दिन जल्दी उठकर स्नान आदि करके नए कपड़े पहने जाते हैं. इसके बाद घर में चौक लगाकर ईसर गौर की पूजा की जाती है. ईसर को शिव जी का और गौर को माता गौरी (पार्वती) का प्रतीक माना जाता है.


राजस्थान में तो ये मूर्तियां बनी बनाई बाज़ार में मिलती हैं. कई स्थानों पर गणगौर का मेला भी लगता है. खासतौर पर ये त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं और व्रत भी करती हैं.

पूजा का समय


आमतौर पर गणगौर की पूजा सुबह ही होती है. महिलाएं ईसर गौर की मूर्तियां लेकर सड़कों पर घूमती हैं. इस साल पूजा का समय 10 अप्रैल को शाम 5 बजकर 32 मिनट से 11 अप्रैल को दोपहर 3 बजे तक होगा. गणगौर व्रत के दिन सुबह 06 बजकर 29 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट तक पूजा करने का शुभ मुहूर्त है.

इस त्योहार का सीधा जुड़ी माता पार्वती और शिवजी से है. पौराणिक कथाओं की मानें तो माता पार्वती की तरह ही जो महिलाएं इस दिन व्रत रहती हैं उनके पति दीर्घायु होते हैं और निरोगी काया भी पाते हैं.

 

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