होम > लाइफस्टाइल > धर्म > आर्टिकल > सूर्य देव को जल चढ़ाने से मिलते हैं ये फायदे, पहले जान लें ये नियम

सूर्य देव को जल चढ़ाने से मिलते हैं ये फायदे, पहले जान लें ये नियम

Updated on: 27 December, 2023 08:44 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

हिन्दू धर्म में 33 कोटी देवताओं की पूजा की जाती है. साथ ही धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का भी विधान है. इनमें सूर्य देव ही ऐसे भगवान हैं,जिनका हमें सुबह उठते ही दर्शन होता है.

प्रतिकात्मक तस्वीर

प्रतिकात्मक तस्वीर

हिन्दू धर्म में 33 कोटी देवताओं की पूजा की जाती है. साथ ही धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का भी विधान है. सभी देवी-देवताओं की पूजा का एक खास और अलग नियम है. हिन्दू धर्म में इतने सारे भगवान हैं, जिनकी हमने सिर्फ कथाएं सुनी हैं. उनमें से एक हैं सूर्यदेव. सूर्य देव ही ऐसे भगवान हैं,जिनका हमें सुबह उठते ही दर्शन होता है.

सूर्य देव सकारात्मक ऊर्जा, तेज, गति और दर्शाने वाले स्वामी हैं. सूर्य देव को हमें रोजाना जल अर्पित करना चाहिए. हिन्दू धर्म मानने वाले कई लोग प्रात:काल सूर्य को जल भी अर्पित करते हैं. हालांकि सूर्य देव को जल चढ़ाने के कुछ खास नियम भी हैं. आइए आपको बतातें हैं उन नियमों के बारे में जो हमें सूर्य देव को जल चढ़ाते समय ध्यान रखने चाहिए.


  • सूर्य देव को जल सुबह ही चढ़ाना चाहिए. सूर्योदय के काफी समय बाद जल चढ़ाने से विशेष लाभ नहीं मिल पाता. 
  • सूर्य देव को जल चढ़ाते समय सूर्य देव के 13 मंत्रों का भी जाप करना चाहिए. ध्यान रखें कि उच्चारण सही हो.
  • सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद जो जल जमीन पर गिर जाए उसे थोड़ा सा लेकर अपने मस्तक पर भी लगाना चाहिए.
  • सूर्य देव को जल चढ़ाते समय दिशा का ध्यान रखना चाहिए. हमें सूर्य देव को जल पूर्व दिशा में ही सर करके चढ़ाना चाहिए.
  • सूर्य देव को रोज़ नियम से जल चढ़ाना चाहिए. जाना सूर्य को जल चढ़ाने से सूर्य देव का प्रभाव शरीर में भी बढ़ता है. इससे आप में ऊर्जा की वृर्द्धि होती है.
  • सूर्य देव को चल चढ़ाते समय लोटे में अक्षत, रोली ज़रूर डाल लेना चाहिए. केवल जल देवताओँ को समर्पित नहीं करना चाहिए.

सूर्य देव को जल देते हुए पढ़ें ये मंत्र

ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ 
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः 
ॐ सूर्याय नम: 
ॐ घृणि सूर्याय नम: 
ॐ भास्कराय नमः 
ॐ अर्काय नमः 
ॐ सवित्रे नमः 


 

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK