Updated on: 17 December, 2024 12:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
वर्ष 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा, जो खगोलीय और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. यह आंशिक चंद्र ग्रहण भारत सहित कई हिस्सों में देखा जा सकेगा.
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वर्ष 2025 खगोलीय घटनाओं के दृष्टिकोण से बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि इस साल दो प्रमुख चंद्र ग्रहण लगने जा रहे हैं. पहला चंद्र ग्रहण विशेष रूप से ज्योतिष शास्त्र और खगोल विज्ञान के प्रति रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. इस ग्रहण का खगोलीय महत्व तो है ही, ज्योतिष के अनुसार इसका असर विभिन्न राशियों पर भी पड़ सकता है. आइए जानते हैं इस ग्रहण की तिथि, खगोलीय महत्व और किन राशियों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी.
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चंद्र ग्रहण कब लगेगा?
>> पहला चंद्र ग्रहण:
तिथि: 14 मार्च 2025
प्रकार: आंशिक चंद्र ग्रहण
>> दूसरा चंद्र ग्रहण:
तिथि: 7 सितंबर 2025
प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहण
खगोलीय महत्व
चंद्र ग्रहण उस समय लगता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. यह खगोलीय घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से रोचक होती है, बल्कि प्रकृति के अद्भुत समन्वय को भी दर्शाती है. वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए यह अवसर चंद्रमा की सतह और उसकी संरचना का अध्ययन करने का भी होता है.
राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव कुछ राशियों पर विशेष रूप से पड़ सकता है. वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मकर राशि के जातकों को इस दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. इन राशियों के लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक फैसलों और निजी जीवन में संभलकर चलने की जरूरत होगी. ग्रहण के समय ध्यान, प्रार्थना और सकारात्मक सोच अपनाना फायदेमंद हो सकता है.
क्या करें और क्या न करें
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ परंपरागत उपाय भी अपनाए जाते हैं, जैसे कि धार्मिक अनुष्ठान, ध्यान और मंत्र जाप. वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक सामान्य खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिष में इसकी विशेष मान्यता है.
इस प्रकार, वर्ष 2025 का पहला चंद्र ग्रहण खगोल विज्ञान प्रेमियों और ज्योतिष में रुचि रखने वालों के लिए एक यादगार घटना साबित होगा.
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