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Salman Khan firing case: बिश्नोई गैंग हथियार लेने के लिए करता था बिना चेहरे वाली फोटो का इस्तेमाल

Updated on: 07 May, 2024 02:15 PM IST | mumbai
Faizan Khan | faizan.khan@mid-day.com

Salman Khan firing case: पिछले महीने सलमान खान के आवास के बाहर पांच राउंड फायरिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए बिश्नोई गिरोह के शूटरों और हथियार आपूर्तिकर्ताओं की जांच कर रही है. इस जांच में मुंबई क्राइम ब्रांच को गिरोह में शामिल लोगों के बीच प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष परिचित को रोकने के लिए विभिन्न `कोड` तैयार करता था.

सलमान खान

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की हाइलाइट्स

  1. मुंबई क्राइम ब्रांच का खुलासा, बिश्नोई गैंग कई `कोड` का करता था प्रयोग
  2. हथियारों की आपूर्ति में व्यक्तियों की बिना चेहरे वाली तस्वीरों का उपयोग करता था
  3. ड्रग तस्करी कर सप्लाई में भी करते थे इस पैटर्न का इस्तेमाल

Salman Khan firing case: पिछले महीने सलमान खान के आवास के बाहर पांच राउंड फायरिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए बिश्नोई गिरोह के शूटरों और हथियार आपूर्तिकर्ताओं की जांच कर रही है. इस जांच में मुंबई क्राइम ब्रांच को गिरोह में शामिल लोगों के बीच प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष परिचित को रोकने के लिए विभिन्न `कोड` तैयार करता था. क्राइम ब्रांच ने बताया कि इन कोड पैटर्न में से एक का उपयोग शीर्ष अफगान ड्रग आपूर्तिकर्ताओं द्वारा भी किया जाता है, जिसका उपयोग बिश्नोई गिरोह अपने शूटरों को हथियार, ड्रग्स और नकदी की आपूर्ति के लिए करता था.

अपराध शाखा के सूत्रों के अनुसार गिरोह लॉरेंस बिश्नोई या उसके भाई अनमोल से गोलीबारी, जबरन वसूली और हत्या जैसे निर्देश देने वालों को हथियार, ड्रग्स और नकदी की आपूर्ति करने में शामिल व्यक्तियों की बिना पहचान वाली तस्वीरों का उपयोग करता है. अधिकारियों ने इस पैटर्न की पहचान तब की जब उन्हें हथियार आपूर्तिकर्ता, अनुज थापन, जो कथित तौर पर अपराध शाखा लॉकअप के अंदर आत्महत्या करके मर गया. एक अन्य आरोपी सुभाष चंदर की एक बिना चेहरे वाली तस्वीर में सामने आया.


एक अधिकारी ने कहा, आरोपी सागर पाल और विक्की गुप्ता ने बाद में पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वे थापन और चंदर के बारे में नहीं जानते थे क्योंकि उन्होंने उन्हें कभी नहीं देखा था... उन्हें अनमोल बिश्नोई से इन व्यक्तियों की बिना पहचान वाली तस्वीरें मिलीं और बाद में दोनों से हथियार और नकदी प्राप्त हुई. जब वे मिले तो उन्होंने अपना चेहरा ढक लिया था. वे उन्हें केवल उनके पहने हुए कपड़ों से ही पहचान सकते थे.``


क्राइम ब्रांच के मुताबिक गुप्ता और पाल को करीब 2 लाख रुपये दिए गए थे. इस पैसे से उन्होंने एक बाइक खरीदी और सलमान के घर के आसपास टोह ली. इसके अलावा, उन्होंने गोलीबारी की घटना से दो महीने पहले पनवेल में एक घर किराए पर लिया था.

एक अधिकारी ने कहा कि निशानेबाजों को कम से कम 10 राउंड फायर करने और घटनास्थल पर कम से कम 10 मिनट तक रहने और जाने से पहले सिगरेट पीने का निर्देश दिया गया था. अधिकारी ने कहा, “यह एक संदेश देने के लिए था कि सलमान को ‘वाई-प्लस’ सुरक्षा मिलने के बावजूद वे किसी से नहीं डरते. उन्होंने उनके आवास के बाहर गोलीबारी की और भागने में सफल रहे. हालांकि, पांच राउंड फायरिंग के बाद शूटर रुके नहीं. वे तुरंत भाग गए और माउंट मेरी के पास अपनी बाइक छोड़ दी. ”


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