ब्रेकिंग न्यूज़
होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > चुनावी प्रक्रिया पर आदित्य ठाकरे ने खड़े किए सवाल, अनिल परब बोले, `हम कोर्ट जाएंगे...`

चुनावी प्रक्रिया पर आदित्य ठाकरे ने खड़े किए सवाल, अनिल परब बोले, `हम कोर्ट जाएंगे...`

Updated on: 17 June, 2024 04:59 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

अनिल परब ने EVM की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 19वीं फेरी के बाद चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई.

4 जून को घोषित नतीजों में अमोल कीर्तिकर को केवल 48 मतों से हार का सामना करना पड़ा, जिसे शिवसेना और उनके समर्थक संदेहास्पद मान रहे हैं.

4 जून को घोषित नतीजों में अमोल कीर्तिकर को केवल 48 मतों से हार का सामना करना पड़ा, जिसे शिवसेना और उनके समर्थक संदेहास्पद मान रहे हैं.

Aaditya Thackeray Mumbai PC: मुंबई में सोमवार को हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने चुनावी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा, `हम सबने देखा है कि इस चुनाव में फर्जीवाड़ा हुआ है. कुछ मुद्दे हम कोर्ट में उठाएंगे. यह चुनाव निष्पक्ष हुआ है या नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए. आज की यह पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस है, आगे हम और जानकारी देंगे. अब लड़ाई शुरू हो चुकी है. देश में कई जगह ऐसा हुआ होगा, लेकिन भाजपा मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रही है.` इस दौरान आदित्य ठाकरे ने कोर्ट में जाने की बात कही और भरोसा जताया कि वे इस लड़ाई को जीतेंगे.` 

अनिल परब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आगे बताया कि `अमोल कीर्तिकर का केवल 48 मतों से हारना संदिग्ध है और इस पर कोर्ट में जाने का निर्णय लिया गया है. 19वीं फेरी के बाद मतगणना में गड़बड़ियां शुरू हुईं. 22वीं फेरी के बाद अचानक से सभी नतीजे घोषित कर दिए गए, जो नियमों के खिलाफ है. कई जगह 17C फॉर्म समय पर नहीं दिए गए, जिससे मतगणना में गड़बड़ी हुई. ARO टेबल पर मतों की जानकारी ठीक से नहीं दी गई. 19वीं फेरी के बाद मतों की गणना में 650 से अधिक मतों का अंतर पाया गया.` उन्होंने आगे कहा, `हमने सीसीटीवी फुटेज की मांग की, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे देने से मना कर दिया, जिससे संदेह और बढ़ गया. मतगणना प्रक्रिया के अंत में चुनाव अधिकारी को पूछना चाहिए था कि किसी को कोई आपत्ति है या नहीं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.` 


 



अनिल परब आगे बताया कि ARO द्वारा एक मोबाइल फोन का उपयोग डेटा अपडेट के लिए किया गया, जिसे बाद में बाहर भेज दिया गया. इस पर भी सवाल उठे हैं कि डेटा अपडेट के लिए कौन सा फोन इस्तेमाल किया गया. इस चुनावी विवाद ने जनता के मन में भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है? क्या EVM पूरी तरह सुरक्षित हैं? इन सवालों के जवाब और चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है.`

शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे और अनिल परब ने घोषणा की है कि वे इस मामले को न्यायालय में ले जाएंगे और पूरी चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे. वे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय से न्याय की गुहार लगाएंगे.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK