ब्रेकिंग न्यूज़
होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > सीएम शिंदे नेतृत्व वाला समूह `असली` शिवसेना है: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष

सीएम शिंदे नेतृत्व वाला समूह `असली` शिवसेना है: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष

Updated on: 11 January, 2024 09:12 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता भरत गोगावले की नियुक्ति को वैध ठहराने का खंडन किया. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने गोगावले की नियुक्ति को अवैध करार दिया था.

स्पीकर के फैसले के बाद उद्धव सेना कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया.

स्पीकर के फैसले के बाद उद्धव सेना कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया.

की हाइलाइट्स

  1. नार्वेकर ने सचेतक के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति को वैध ठहराकर सुप्रीम कोर्ट का खंडन किया
  2. सुप्रीम कोर्ट ने गोगावले की नियुक्ति को अवैध करार दिया था
  3. महाराष्ट्र की राजनीति में घटनाक्रम दिन पर दिन पेचीदा होता जा रहा है

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता भरत गोगावले की नियुक्ति को वैध ठहराने का खंडन किया. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने गोगावले की नियुक्ति को अवैध करार दिया था. महाराष्ट्र की राजनीति में घटनाक्रम दिन पर दिन दिलचस्प होता जा रहा है और अब गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में है. अंतिम स्पष्टता के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि मामला कैसे सामने आता है.

बुधवार को बहुत दिनों से रुके फैसले में, नार्वेकर ने फैसला सुनाया कि 2022 में विभाजन होने पर एकनाथ शिंदे ही असली शिवसेना थे. हालांकि दोनों गुटों के विधायक योग्य थे. उद्धव सेना द्वारा किए गए हर दावे का बिंदुवार खंडन करते हुए, नार्वेकर ने कहा कि शिंदे गुट को 21 जून, 2022 को 37 विधायकों का समर्थन प्राप्त था. इस प्रकार, शिंदे गुट को असली शिवसेना और वैध राजनीतिक दल माना गया. उन्होंने सचेतक के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति को बरकरार रखा.


शिवसेना यूबीटी नेता रावसाहेब दानवे ने कहा ,“राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी सचेतक के तौर पर विधायक भरत गोगावले की नियुक्ति रद्द कर दी थी. हालांकि, सलाह. राहुल नार्वेकर ने गोगावले की नियुक्ति स्वीकार कर ली. हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.” नार्वेकर ने यह भी फैसला सुनाया कि एकनाथ शिंदे गुट द्वारा प्रदान किया गया 1999 का शिवसेना संविधान वैध था और उन्होंने उद्धव गुट द्वारा प्रस्तुत 2018 के संविधान को खारिज कर दिया.


उन्होंने कहा,“शिवसेना की नेतृत्व संरचना, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध 27 फरवरी, 2018 के पत्र में परिलक्षित होती है, विचार करने के लिए प्रासंगिक संरचना है. उद्धव के पास किसी भी नेता को पार्टी से निकालने की शक्ति नहीं है.`` स्पीकर ने कहा, ``पक्ष प्रमुख`` का पद शिवसेना के संविधान में मौजूद नहीं है. उन्होंने कहा, "2018 का नेतृत्व ढांचा 1999 के शिव सेना संविधान के अनुरूप नहीं था."

 


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK