Updated on: 29 May, 2024 06:57 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
आठवले ने कहा, `डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर को फाड़ने में गलती की है.`
आंबेडकर जी ने मनुस्मृति को हमेशा खारिज किया है.
Jitendra Awhad News: शरद पवार की पार्टी एनसीपी (SP) से विधायक जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र के महाड में स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति का श्लोक शामिल करने के खिलाफ हाल ही में आंदोलन किया था. लेकिन इस दौरान आव्हाड ने अपने हाथों से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर फाड़ी. उनके ऐसे करने के बाद देश भर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. यह मामला सामने आने पर रिपब्लिकन पक्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने निंदा की है. उन्होंने कहा, `सविंधान के शिल्पकार महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर को फाड़ने जैसे अपराध को कट्टरता से लिया जाना चाहिए. जितेंद्र आव्हाड ने जिस तरह का कृत्य किया है. इससे लोग आहत हुए है.`
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आठवले ने आगे कहा, `डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को मनुस्मृति के विरुद्ध महाड़ क्रांति में हिस्सा लिया. हर साल 25 दिसंबर को मनुस्मृति दहन और स्त्री मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है. आंबेडकर जी ने मनुस्मृति को हमेशा खारिज किया है. आंबेडकर द्वारा दिये गए बौद्ध और उनके धर्म को स्वीकार किया. बौद्ध और उनके धर्म को स्वीकार करने के कारण आंबेडकरी समाज ने मनुस्मृति को हद्दपार किया है. मनुस्मृति दहन दिवस पर आंबेडकरी समाज अपनी आंतरिक आत्मा से मनाता है. जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति दहन की तरफ़ एक स्टंट करने के बजाय, हमेशा से हमने मनुस्मृति का ख़िलाफ़ाबाद किया है.`
उन्होंने आगे बताया कि `राज्य सरकार शैक्षिक पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोकों को नहीं ले रही है. ऐसा शैक्षिक मंत्री दीपक केसरकर ने स्पष्ट किया है. लेकिन जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति के खिलाफ़ स्टंट किया है, तो उन्होंने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर को फाड़ने में गलती की है.`
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