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Kuwait Fire Accident: बेटी के पहले जन्मदिन पर आना था वापस, कुवैत अग्निकांड ने छीन लिया परिवार का चिराग

Updated on: 14 June, 2024 01:20 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

Kuwait Fire Accident: कुवैत अग्निकांड में कोलाबा निवासी अबे अब्राहम (40) के रिश्तेदार सिबिन अब्राहम (31) की भी जान ले ली. अबे इब्राहिम ने बताया कि इस आग की जानकारी का पता चलते ही सभी ने उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना शुरू कर दी थी.

कुवैत अग्निकांड में अपनी जान गंवाने वाले सिबिन अब्राहम

कुवैत अग्निकांड में अपनी जान गंवाने वाले सिबिन अब्राहम

Kuwait Fire Accident: कुवैत अग्निकांड में कोलाबा निवासी अबे अब्राहम (40) के रिश्तेदार सिबिन अब्राहम (31) की भी जान ले ली. अबे इब्राहिम ने बताया कि इस आग की जानकारी का पता चलते ही सभी ने उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना शुरू कर दी थी. हालांकि उनसे कोई बात नही हो पा रही थी. वह 12 जून को कुवैत में एक इमारत में आग लगने के बाद से लापता हो गए थे.

अबे ने कहा, “उनकी प्रार्थनाएं अनसुनी रह गईं, जब 13 जून को सुबह 11 बजे उन्हें पता चला कि उनका भाई कुवैत अग्निकांड का शिकार हो गया है. उन्होंने सुना कि सिबिन की बड़ी बहन, सीबा (33) जो कुवैत में एक नर्स हैं. उन्होंने अपने भाई का पहचाना है. उसने मुझे सूचित किया कि वह फोरेंसिक औपचारिकताओं को पूरा कर रही हैं.” (Kuwait Fire Accident)


अबे ने बताया, “सिबिन पिछले आठ वर्षों से एनबीटीसी समूह की कंपनियों में कैशियर के रूप में काम कर रहे थे और केरल के पठानमथिट्टा जिले के कीझवापुर गांव से थे. दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता मथिया, उर्फ बाबू अब्राहम, भी कुवैत में इसी कंपनी में अठारह साल तक काम करते थे और अपनी सेवानिवृत्ति के बाद दो साल पहले केरल लौट आए थे.” (Kuwait Fire Accident)


आखिरी बार रात में की थी पत्नी से बात

अबे के परिवार ने बताया कि सिबिन अपनी दूसरी शिफ्ट पूरी करने के बाद लगभग 11:30 बजे अपनी दूसरी मंजिल के कमरे (जिसे तीन या चार अन्य लोगों के साथ साझा किया) में लौटे. हमेशा की तरह, वह बिल्डिंग के ही ग्राउंड फ्लोर मेस में अपने खाने के लिए गए और बाद में केरल में अपनी पत्नी को फोन किया. दंपति ने लंबे समय तक बात की, और उन्होंने उसे सूचित किया कि वह नींद महसूस कर रहा था और अगले दिन उसे फोन करेगा. आग की घटना कुछ घंटों बाद, लगभग 4:00 बजे हुई. अबे ने कहा, “तब तक सिबिन गहरी नींद में थे, हम मानते हैं.” (Kuwait Fire Accident)


न्यूज़ देखकर हुई जानकारी

केरल और मुंबई में परिवार ने टेलीविजन पर समाचार देखकर जाग उठे. जिस क्षण टीवी स्क्रीन पर एनबीटीसी कैंप 4 इमारत को आग की लपटों में दिखाया गया, सिबिन के पिता ने तुरंत इसे पहचाना कि यह वही इमारत थी जहां सिबिन रहते थे. परिवार को आग का पता चलते ही मुंबई से अबे और उनके परिवार ने सिबिन को कॉल किया लेकिन फोन नहीं लगा.

अबे ने कहा, “हमने उन सभी हेल्पलाइन नंबरों से संपर्क किया जो टेलीविजन पर फ्लैश हो रहे थे और हम कंपनी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे.” अबे ने कहा, “उन्होंने कहा कि वे अभी भी सिबिन की तलाश कर रहे थे और स्थानीय बचाव दल की मदद कर रहे थे. केरल के एनओआरकेए (गैर-आवासीय केरलवासी मामलों) हेल्पलाइन से भी यही जवाब मिला.” उन्होंने कहा, “हम एक चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे और मान रहे थे कि सिबिन जीवित होंगे. हालांकि, गुरुवार को लगभग 11 बजे (आईएसटी) हमें सूचित किया गया कि सिबिन की बड़ी बहन सीबा, जो कुवैत में स्थित है और एक निजी नर्सिंग होम में काम करती है, ने सिबिन के शव की पहचान की.”

अबे के अनुसार, सिबिन उनसे सप्ताह में एक या दो बार बात करते थे और उनकी हाल की बातचीत के दौरान उन्होंने बताया भी था कि वह अपनी बेटी का पहला जन्मदिन मनाने के लिए केरल आएंगे. वह उत्साहित थे और छुट्टी पर केरल लौटने का इंतजार कर रहे थे. (Kuwait Fire Accident)

वापस आना था भारत

जब पूछा गया कि क्या उनका परिवार के साथ कुवैत लौटने का कोई योजना है, तो अबे ने उत्तर दिया, “अंजुमोल (उनकी पत्नी) एक रेडियोलॉजिस्ट हैं और डिलीवरी के बाद ब्रेक लिया था. सिबिन की योजना थी कि अगले कुछ वर्षों में अपनी पत्नी और बेटी को कुवैत ले जाएं.” (Kuwait Fire Accident)

सिबिन अपनी पत्नी अंजुमोल के साथ

सिबिन ने हाल ही में अपनी सास को खो दिया, और कुछ महीने पहले उनकी मां का निधन हो गया था. परिवार दोनों नुकसानों से उबरने की कोशिश कर रहा था और अगस्त में सिबिन की बेटी का पहला जन्मदिन मनाने की उम्मीद कर रहा था. संयोग से, सिबिन का जन्म भी अगस्त में, स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त को हुआ था.

मेरा अंतिम एसएमएस “मुझे हाल ही में (9 जून) कोलाबा मलयाली एसोसिएशन के महासचिव के रूप में चुना गया,” यह आखिरी संदेश था जो अबे ने 11 जून की रात 2 बजे (रात 2 बजे यूएई समय) सिबिन को भेजा था. उन्होंने कहा, “मुझे यकीन नहीं है कि उसने मेरा संदेश पढ़ा था या नहीं. उसके बाद किए गए सभी कॉल नहीं हो रहे थे या कनेक्ट नहीं हो रहे थे.” (Kuwait Fire Accident)

अब आगे क्या 

अबे और उनके परिवार जल्द ही केरल के लिए रवाना होंगे और अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कुवैत से सिबिन के शव के आने का इंतजार करेंगे. कुवैत में सिबिन की बड़ी बहन सीबा से संपर्क करने के प्रयास असफल रहे. (Kuwait Fire Accident)

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