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मानसून सत्र के 7वें दिन प्रवीण दरेकर ने मुंबई में पुस्तकालयों के लिए सरकारी अनुदान की मांग की

Updated on: 04 July, 2024 01:39 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

दरेकर ने बताया कि अधिकांश ग्रंथालयों को 10-12 वर्षों से अधिग्रहण किया गया है, लेकिन उनके पास किसी भी प्रकार की आधिकारिक रजिस्ट्रेशन नहीं है.

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Pravin Darekar News: मुंबई में नए ग्रंथालयों के लिए शासनिक अनुदान के अभाव का मुद्दा अहम बना हुआ है.  विधानमंडल के मानसून सत्र का सातवां दिन भाजपा विधानपरिषद गटनेता आमदार प्रवीण दरेकर ने इस विषय पर एक सभा में उपस्थित होकर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने ग्रंथालयों को अनुदान नहीं मिलने और पत्रिका पेटी में जो ग्रंथालय संचालक हैं, उन्हें केवल पेटी की अनुदान मिलती है यह समस्या उठाई. उन्होंने कहा कि वे जिन ग्रंथालयों को संचालित कर रहे हैं, वे बोरिवली के कृष्ण नगर में स्थित हैं और रमेश वांजळे के नाम से मराठी ग्रंथालय के नाम से जाने जाते हैं. वे यहां के आदिवासियों के लिए सामर्थ्य और अद्यतित ग्रंथालय प्रदान करने के लिए अनुदान की मांग कर रहे हैं, जिन्हें सरकार ने अभी तक लक्ष केंद्रित नहीं किया है.

दरेकर ने बताया कि अधिकांश ग्रंथालयों को 10-12 वर्षों से अधिग्रहण किया गया है, लेकिन उनके पास किसी भी प्रकार की आधिकारिक रजिस्ट्रेशन नहीं है. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि नए ग्रंथालयों को अनुदान नहीं दिया जाता है और जिन पेटियों में ग्रंथालय संचालकों की एंट्री होती है, उन्हें केवल उन पेटियों के लिए ही अनुदान मिलता है. उन्हें यह भी उदाहरण दिया कि वे जिन सदस्यों को पुस्तकें नहीं भेजते, क्यों उन्हें अनुदान दिया जाता है और उन्हें जिन्हें सुविधाजनक ढंग से ग्रंथालय संचालित करने की क्षमता होती है, उनके बारे में सरकार कोई भी भूमिका नहीं लेती है.



उन्होंने कहा कि वे उन ग्रंथालय संचालकों की संगठना के प्रति उनके कुछ मांगों और प्रश्नों का समय देकर उनके प्रश्नों को समझकर उन्हें समाधान निकालने की विनंती की. मंत्री चंद्रकांत पाटील ने इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए नए ग्रंथालयों के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट की बात की, लेकिन उनकी अपील थी कि उन्हें जो पुराने ग्रंथालय हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलना चाहिए. इस संदर्भ में, वे खुद गए जाकर अधिकारिक अनुमान देंगे कि अगर 500 करोड़ रुपये मिले तो 11,000 स्थापित ग्रंथालयों को कंप्यूटर, फर्नीचर और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से 40% अनुदान बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार है और इसे मंत्रिमंडल बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा और यह प्रमोशन आयोजन को पूरा किया जाएगा.


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