Updated on: 27 February, 2024 09:41 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar
3 मार्च 2024 को यह शिविर होगा. इसे कफ परेड, दक्षिण मुंबई में आयोजित किया जाएगा.
यह शिविर सुबह 10.30 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा.
Vipassana: साधना के अनगिनत फल हैं. श्रामण्यफल सुत्त में यह वर्णित है. श्रमण बनने का उद्देश्य आर्य अष्टांगिक मार्ग पर नियमपूर्वक और परिश्रमपूर्वक चलना है और सोतापत्ति, सकदागामी, अनागामी, अर्हत होने का फल ही नहीं चखना है बल्कि कई प्रकार की शक्तियों को विकसित करना है. ऐसे में एक दिवसीय विपश्यना शिविर का आयोजन किया जाने वाला है. मिली जानकारी के अनुसार, 3 मार्च 2024 को यह शिविर होगा. इसे कफ परेड, दक्षिण मुंबई में आयोजित किया जाएगा. यह शिविर सुबह 10.30 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 9 से 10.15 तक बड़े गुरुजी सयाजी उ बा खिन के स्वर में तिक पठाना की बैठक होगी. इसके साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि, `शिबिर के स्थल में साधको और साधिकाओं के लिए जगह की पाबंदी है. इसके अलावा, खाने और जलपान की व्यवस्था भी पहले से ही करनी होती है. इन सभी कारणों की वजह से शिविर में विपश्यना करने के लिए पहले से आपका नाम रजिस्टर करना आवश्यक होगा. इसके साथ ही जिस किसी साधको और साधिकाओं इसमें अपनी सेवा देनी है. ऐसे लोगों भी आपण नाम इसमें रजिस्टर करवा सकते हैं. रजिस्टर करने के लिए साधको और साधिकाओं को 7021215934, 8422949108, 8097343047 नंबर पर व्हाट्सएप के जरिए जानकारी पा सकते हैं.
आपको बता दें, विपश्यना (Vipassana) आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की अत्यंत पुरातन साधना-विधि है. जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना विपश्यना है. लगभग 2500 वर्ष पूर्व भगवान गौतम बुद्ध ने विलुप्त हुई इस पद्धति का पुन: अनुसंधान कर इसे सार्वजनीन रोग के सार्वजनीन इलाज, जीवन जीने की कला, के रूप में सर्वसुलभ बनाया.जिवन जीनेकी कला. इस सार्वजनीन साधना-विधि का उद्देश्य विकारों का संपूर्ण निर्मूलन एवं परमविमुक्ति की अवस्था को प्राप्त करना है. इस साधना का उद्देश्य केवल शारीरिक रोगों को नहीं बल्कि मानव मात्र के सभी दुखों को दूर करना है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT