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पालघर में जलाशयों पर निषेधाज्ञा लागू, सेल्फी लेने या रील बनाने पर प्रतिबंध

Updated on: 26 June, 2024 09:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

बारिश के मौसम में, महाराष्ट्र के पालघर और पड़ोसी जिलों ठाणे, रायगढ़ और मुंबई में समुद्र तट, झरनों, बांधों, नदियों और झीलों में बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं.

रिप्रेजेंटेटिव इमेज

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अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई इलाके में विभिन्न पिकनिक स्थलों पर महाराष्ट्र मानसून के मौसम के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा के लिए निषेधाज्ञा लागू की है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार बारिश के मौसम में, महाराष्ट्र के पालघर और पड़ोसी जिलों ठाणे, रायगढ़ और मुंबई में समुद्र तट, झरनों, बांधों, नदियों और झीलों में बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस उपायुक्त, जोन II, वसई, पूर्णिमा चौगुले-श्रृंगी द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के अनुसार, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 25 जून से 8 जुलाई तक विभिन्न जल निकायों पर लागू रहेगी. आदेश में कहा गया है, "मौजूदा मानसून की स्थिति में वित्तीय नुकसान को रोकने और पर्यटकों के जीवन के लिए जोखिम को कम करने के लिए इन उपायों की आवश्यकता थी." इसमें पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, जल निकायों में जाने, झरनों तक पहुँचने या पानी के बहाव में बैठने, खतरनाक स्थानों पर जाने, सेल्फी लेने या रील बनाने और खतरनाक स्थानों पर वाहन पार्क करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.


आदेश में ध्वनि प्रदूषण और आसपास के क्षेत्र में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे किसी भी प्रकार के उत्पीड़न पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. आदेश के अनुसार, "ये उपाय निषिद्ध क्षेत्रों के लगभग 1 किमी के भीतर लागू किए जाएँगे." रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे वर्तमान महाराष्ट्र मानसून अवधि के दौरान अपनी सुरक्षा और दूसरों की भलाई के लिए इन प्रतिबंधों का पालन करें.


एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई सहित शहरी क्षेत्रों में बाइक टैक्सियों को संचालित करने की अनुमति दी है. रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों के लिए यह अच्छी खबर है. हालाँकि, राज्य सरकार ने इन कंपनियों के लिए नियम जारी कर दिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ऐप-आधारित एग्रीगेटर्स के पास कम से कम 50 दोपहिया वाहनों का बेड़ा होना चाहिए, जिसके लिए 1 लाख रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा.  


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