Updated on: 06 July, 2025 10:49 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मराठी भाषा पर की गई टिप्पणी को लेकर विवादों में आए शेयर बाजार विशेषज्ञ सुषिल केडिया ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है.
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे को लेकर सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी के बाद विवादों में घिरे शेयर बाजार विशेषज्ञ सुषिल केडिया ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है. उन्होंने साफ किया है कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था और उनके शब्दों को गलत संदर्भ में लिया गया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा कि यदि उनके बयान से किसी को दुख पहुंचा है, तो वे दिल से क्षमा चाहते हैं.
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मराठी बोलने को लेकर केडियानॉमिक्स के सुशील केडिया जी ने अपना पक्ष विस्तार से रखा है।#SushilKedia #RajThackeray
— Mukesh Mathur (@mukesh1275) July 5, 2025
pic.twitter.com/US4UEGoMOT
दरअसल, सुषिल केडिया ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह लिखा था कि उन्होंने मराठी भाषा नहीं सीखी है और इसके साथ ही उन्होंने राज ठाकरे को संबोधित करते हुए कथित तौर पर “क्या करना है बोल?” जैसी टिप्पणी की थी. यह पोस्ट वायरल होते ही तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं. इसके बाद शनिवार, 5 जुलाई को मनसे समर्थकों ने मुंबई के वर्ली स्थित उनके कार्यालय पर हमला कर दिया.
घटना के बाद मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से जुड़े पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर सुषिल केडिया के कार्यालय पर तोड़फोड़ करने और माहौल बिगाड़ने का आरोप है. बताया जा रहा है कि इस हमले में कार्यालय को नुकसान पहुंचा और कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया.
सोशल मीडिया पर बढ़ती आलोचनाओं और राजनीतिक तनाव के बीच, सुषिल केडिया ने ट्विटर और लिंक्डइन पर अपना स्पष्टीकरण देते हुए लिखा, “मैं हमेशा संवाद की मर्यादा में विश्वास करता हूँ. मेरा उद्देश्य किसी व्यक्ति, समुदाय या क्षेत्रीय पहचान को ठेस पहुंचाना नहीं था. मेरे शब्दों से यदि किसी को आघात पहुंचा है, तो मैं बिना शर्त माफी मांगता हूँ.”
सुषिल केडिया, जो लंबे समय से शेयर बाजार में सक्रिय हैं और निवेश शिक्षा को लेकर काम कर रहे हैं, ने यह भी कहा कि वे सामाजिक समरसता और भाषाई विविधता का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक मंच पर विचार रखते समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है, और यह घटना उन्हें आगे और अधिक सतर्क रहने की सीख देती है.
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कही गई बातों का प्रभाव वास्तविक जीवन में कैसे उग्र रूप ले सकता है, और किस तरह से संवाद की मर्यादा और संवेदनशीलता समय की आवश्यकता बन चुकी है.
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