बालासाहेब ठाकरे की जयंती के एक दिन पहले पूरा हुआ राम मंदिर बनाने का सपना.
बालासाहेब ठाकरे ना सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीति का चर्चित नाम बल्कि कट्टर हिंदुत्व मानने वालों में से एक थे. मुंबई में शिवाजी पार्क, दादर (पश्चिम) में सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित गणेश उद्यान मंदिर, शिवाजी पार्क से भोईवाड़ा राम मंदिर तक भव्य रैली का आयोजन किया गया.
बाल ठाकरे (Bal Thackeray) ने अयोध्या राम मंदिर और बावरी मस्जिद विवाद को लेकर काफी संघर्ष किया. उनका राम मंदिर बनने और रामलला के विराजमान होने का सपना भी उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर पूरा हुआ. इसको लेकर सामना ने लेख छापा है.
रजत शर्मा के साथ लिए गए इंटरव्यू में भी एक वाकया बहुत चर्चित हुआ. जब एंकर ने पूछा कि बावरी मस्जिद गिराने में आपका हाथ था तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया, “हाथ नहीं, पांव था.”
बाला साहब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के लिए राम मंदिर बनना वाकई बहुत बड़ा सपना था. सनातनियों के लिए और खुद बाल ठाकरे के लिए यह एक बहुत बड़ी जीत है.
सामना ने लिखा कि यह किसी संयोग से कम नहीं है. किसी से छिपा नहीं है कि बाला साहब राम मंदिर विवाद पर खुलकर बोलते थे. वह कहते थे कि जन्मभूमि पर हमारा (हिंदुओं का) अधिकार है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बाला साहब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) और मोरेश्वर सालवे तो दस्तावेजों में आरोपी भी थे. यही नहीं, बाला साहब महाराष्ट्र को हिंदू राष्ट्र भी बताते थे. उन्होंने बांग्लादेशी मुसलमान शरणार्थियों को मुंबई छोड़ने तक की चेतावनी दे दी थी.
बाला साहब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) को कार्टून बनाने का शौक था और अपने करियर की शुरुआत भी उन्होंने इसी कार्टून बनाने के साथ शुरू की थी. शिवसेना के मुख्यपत्र सामना के लेख के मुताबिक, ``बालासाहेब के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर राम मंदिर का उद्घाटन हुआ. यह किसी संयोग से कम नहीं है."
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