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बीएमसी और महायुति सरकार की नाकामी पर आदित्य ठाकरे ने उठाया मुआवजे का मुद्दा

Updated on: 28 May, 2025 09:04 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मुंबई और पुणे में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान पर महायुति सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने बीएमसी के कुप्रबंधन और तैयारियों की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए मुआवजे की मांग की.

X/Pics, Aaditya Thackeray

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शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तीखी आलोचना की. ठाकरे ने कहा कि मुंबई और पुणे में सोमवार को हुई भारी बारिश के कारण कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और आवासीय क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए, जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस संदर्भ में आदित्य ठाकरे ने मुआवजे की मांग की और इसे महायुति सरकार के कुप्रबंधन और तैयारियों की कमी का नतीजा बताया.

 



 


ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीएमसी, जो मार्च 2022 से निर्वाचित प्रतिनिधियों के बिना काम कर रही है, अब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अधीन है. इससे स्थिति और भी बदतर हुई है. ठाकरे ने कहा कि जब मुंबई जैसे बड़े शहर की बात आती है, तो बीएमसी कभी भी मानसून के लिए पूरी तरह तैयार नहीं रहती. उनके मुताबिक, मुंबई में बार-बार मानसून के दौरान ऐसी ही समस्याएं सामने आती हैं और सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती.

आदित्य ठाकरे ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बीएमसी का कुप्रबंधन सरकार की नाकामी को उजागर करता है. उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार की भारी बारिश के बाद मेट्रो लाइन 3 के भूमिगत स्टेशन, आचार्य अत्रे चौक और वर्ली के बीच पानी भरने से परिचालन स्थगित करना पड़ा. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत परिचालन को स्थगित किया, लेकिन यह एक बड़ा संकेत है कि सरकार और प्रशासन मानसून की तैयारियों में विफल रहे हैं.

ठाकरे ने कहा कि अगर मुंबई और पुणे के नागरिकों को मुआवजा नहीं मिलता है तो यह महायुति सरकार की नाकामी को और भी स्पष्ट करेगा. उन्होंने बीएमसी की लापरवाही और महायुति सरकार के कुप्रबंधन के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि यह केवल एक शुरुआत है, और जनता जल्द ही इसका जवाब देगी.

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