Updated on: 26 September, 2024 07:22 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अमित शाह ने कठुआ में कहा कि राहुल गांधी ने अभी-अभी बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोग शासन करेंगे.
फाइल फोटो/पीटीआई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए उन्हें याद दिलाया कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में कई बार राष्ट्रपति शासन लगाया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने कठुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अभी-अभी बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोग शासन करेंगे. वह हमारे एलजी साहब (मनोज सिन्हा) का जिक्र कर रहे थे. राहुल बाबा, जो लोग आपके भाषण लिखते हैं, वे आपको सच नहीं बताते. अगर कोई पार्टी है जिसने जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा बार राष्ट्रपति शासन लगाया है, तो वह कांग्रेस है.
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रिपोर्ट के मुताबिक शाह ने मतदान प्रतिशत का हवाला देते हुए कहा कि यह क्षेत्र में आतंकवाद का अंत था, जिसके कारण मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई. अमित शाह ने कहा, "आतंकवाद के अंत के कारण, जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड 55 प्रतिशत मतदान हुआ है. फारूक साहब, वो दिन चले गए जब कोई 8 हजार वोट पाकर लोकसभा जा सकता था. अब जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हो गया है. शाह ने यह भी दावा किया कि मोदी के प्रयासों से ही लोगों के हाथों में निर्णय लेने की शक्ति आई है.
उन्होंने कहा, "अब आपके गांवों में पंच-सरपंच हैं. जम्मू-कश्मीर में अब 40,000 से अधिक लोग लोकतंत्र का जश्न मना रहे हैं. दशकों तक एनसी, कांग्रेस और पीडीपी के तीन राजवंशों ने भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया. अब मोदी जी के प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर के युवा राज्य में स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए निर्णय लेने में भाग ले रहे हैं". रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने कहा, "अगर भाजपा उम्मीदवार जीवन लाल और दिलीप सिंह जीतते हैं, तो पूरे देश में जश्न मनाया जाएगा. लेकिन अगर कांग्रेस और एनसी उम्मीदवार जीतते हैं, तो पाकिस्तान में जश्न मनाया जाएगा. क्या आप चाहते हैं कि पाकिस्तान जश्न मनाए."
अमित शाह ने आगे कहा, "राहुल बाबा ने कहा है कि वे सत्ता में आने पर आरक्षण खत्म कर देंगे. राहुल बाबा, चाहे आपकी मंशा कुछ भी हो, हम आपको आरक्षण खत्म नहीं करने देंगे". जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण 25 सितंबर को हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे और अंतिम चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी. केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव लगभग दस वर्षों के अंतराल के बाद हो रहे हैं और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार हो रहे हैं.
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