होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > कम से कम तमिल में करें अपना हस्ताक्षर: पीएम मोदी का स्टालिन पर हमला, कहा- `अगर आपको तमिल पर गर्व है`

कम से कम तमिल में करें अपना हस्ताक्षर: पीएम मोदी का स्टालिन पर हमला, कहा- `अगर आपको तमिल पर गर्व है`

Updated on: 06 April, 2025 06:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

नए पंबम पुल का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि तमिल भाषा दुनिया के हर कोने तक पहुंचे.

प्रधानमंत्री मोदी ने भाषा विवाद को लेकर स्टालिन पर कटाक्ष किया. फाइल फोटो

प्रधानमंत्री मोदी ने भाषा विवाद को लेकर स्टालिन पर कटाक्ष किया. फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि तमिलनाडु के मंत्रियों से उन्हें मिलने वाले किसी भी पत्र पर तमिल भाषा में हस्ताक्षर नहीं हैं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नए पंबम पुल का उद्घाटन करने के बाद रामेश्वरम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि तमिल भाषा और तमिल विरासत दुनिया के हर कोने तक पहुंचे. कभी-कभी, मुझे आश्चर्य होता है जब मुझे तमिलनाडु के कुछ नेताओं से पत्र मिलते हैं; उनमें से किसी पर भी तमिल भाषा में हस्ताक्षर नहीं होते हैं. अगर आपको तमिल पर गर्व है, तो मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि कम से कम अपने नाम पर तमिल में हस्ताक्षर करें.

रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तावित तीन-भाषा फॉर्मूले को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से भिड़ गई है. स्टालिन ने तर्क दिया कि नीति क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी को प्राथमिकता देती है, जो राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता को कमजोर करती है. 


रविवार को रामेश्वरम में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार से तमिल भाषा में मेडिकल कोर्स शुरू करने का आग्रह किया, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकें. रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने कहा "मैं तमिलनाडु सरकार से तमिल भाषा में मेडिकल कोर्स शुरू करने का आग्रह करूंगा, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकें. हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हमारे देश के युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए विदेश न जाना पड़े. पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु को 11 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं".


उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु के लोगों की सुरक्षा और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और समर्पित प्रयासों के माध्यम से पिछले एक दशक में 3,700 से अधिक मछुआरों को श्रीलंका से वापस लाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आपकी सुरक्षा और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारत सरकार के समर्पित प्रयासों से पिछले एक दशक में 3,700 से अधिक मछुआरों को श्रीलंका से सफलतापूर्वक वापस लाया गया है. पिछले वर्ष ही 600 से अधिक मछुआरों को मुक्त कराया गया. हमारे कुछ मछुआरों को तो मृत्युदंड भी भुगतना पड़ा. हालांकि, हमने देश में उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए."


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK