Updated on: 17 September, 2024 06:11 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मंदिर में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हुए इसे घृणित कृत्य बताया.
स्वामीनारायण मंदिर (फाइल फोटो)
अमेरिका में एक हिंदू मंदिर पर हुए नए हमले में न्यूयॉर्क स्थित स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया है. मेलविले स्थित मंदिर की सड़क और मंदिर के बाहर लगे साइन बोर्ड पर स्प्रे पेंट कर अपशब्द लिख दिए गए हैं. न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मंदिर में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हुए इसे घृणित कृत्य बताया. साथ ही अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमेरिकी अधिकारियों पर भी आपत्ति जताई है. भारतीय दूतावास ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ``न्यूयॉर्क के मेलविले में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ अस्वीकार्य है.``
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पोस्ट में कहा गया, "वाणिज्य दूतावास समुदाय के संपर्क में है और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिए अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ मामला उठाया है." न्यूयॉर्क में मंदिर पर हमला उनके 22 सितंबर को नासाउ काउंटी में एक बड़े सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है. नासाउ काउंटी मेलविले से लगभग 28 किलोमीटर दूर स्थित है.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की चौकी पर एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया है. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सुगह शुक्ला ने ट्विटर पर लिखा, "उन लोगों की सरासर कायरता को समझना मुश्किल है जो एक निर्वाचित नेता के प्रति अपनी नफरत व्यक्त करने के लिए हिंदू मंदिर पर हमला करेंगे." इस हमले को हिंदू और भारतीय संस्थानों के खिलाफ हालिया खतरों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.
इसमें यह भी कहा गया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में हिंदू और भारतीय संस्थानों को धमकी देने वाला एक वीडियो साझा किया था. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने न्यूयॉर्क में बर्बरता और कैलिफोर्निया और कनाडा में मंदिरों पर हमलों के बीच समानताएं बताईं. स्वामीनारायण संस्था ने बीएपीएस की निंदा की स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने मंदिर को अपवित्र करने की निंदा की है. संगठन ने कहा कि उत्तरी अमेरिका के विभिन्न हिंदू मंदिरों में इसी तरह की घटनाएं हुई हैं. संगठन ने एक बयान में कहा कि वह इस अपराध को अंजाम देने वालों के लिए प्रार्थना करता है कि वे अपनी नफरत से मुक्त होकर मानवता की ओर बढ़ें.
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को अबू धाबी में यूएई के इस पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया था, जिसे 1 मार्च से जनता के लिए खोल दिया गया. यूएई सरकार ने 2015 में इस मंदिर के लिए जमीन आवंटित की थी, जिस पर आज 108 फीट ऊंचा मंदिर खड़ा है. इस मंदिर के कारण संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं. हिंदू संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक यह मंदिर अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है. लगभग 700 करोड़ की लागत से बने इस मंदिर में आगंतुक केंद्र, प्रार्थना-कक्ष, प्रदर्शनी, शिक्षण और खेल क्षेत्र सहित सुविधाएं हैं.
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