Updated on: 14 June, 2025 01:45 PM IST | Mumbai
कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भाजपा सरकार पर किसानों के कर्जमाफी वादा पूरा न करने और बहनों को 2100 रुपये न देने का आरोप लगाया.
X/Pics, Harshvardhan Sapkal
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भाजपा गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज जब किसानों को जरूरत है, सरकार जानबूझकर किसान कर्जमाफी की घोषणा से बच रही है. उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार के पास उन्हें राहत देने का कोई उपाय नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान कर्जमाफी का वादा करके भाजपा ने वोट लिए थे, लेकिन अब सत्ता में आते ही इस वादे को पूरा करने से बच रही है.
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लढ रं तू ..... लढ रं तू ........ लढा रं तू बळीराजा#शेतकरी #बळीराजा #महाराष्ट्र pic.twitter.com/trVMLRr0iO
— Harshwardhan Sapkal (@INCHarshsapkal) June 14, 2025
सपकाल ने चेतावनी दी कि अगर सरकार किसान कर्जमाफी नहीं करती और बहनों को 2100 रुपये की सहायता नहीं देती, तो सरकार को अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब नाराज किसानों ने पुणे में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के कार्यक्रम में इस मुद्दे पर सवाल उठाए, तो अजीत पवार ने जवाब देने के बजाय अपमानजनक टिप्पणी की और कहा कि यह कायरतापूर्ण हरकत नहीं चलेगी. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जनप्रतिनिधि जनता के सेवक होते हैं, मालिक नहीं.
कांग्रेस नेता ने सरकार पर हमला करते हुए यह सवाल उठाया कि जब सरकार के पास किसानों और बहनों को राहत देने के लिए पैसा नहीं है, तो अडानी और अंबानी को लाखों करोड़ों का फायदा कैसे पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा, "क्या सरकार के पास किसानों के बीच की खाई को भरने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन अडानी-अंबानी के लिए करोड़ों का लाभ मिल रहा है?" उन्होंने आगे कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार अडानी-अंबानी के लिए काम करती है, लेकिन राज्य के किसानों और महिलाओं के लिए पैसा नहीं है.
सपकाल ने सवाल किया कि अगर राज्य सरकार का खजाना खाली है, तो दिल्ली जाकर मोदी और शाह से राज्य के लिए पर्याप्त धन क्यों नहीं लिया जा रहा है? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को समिति का खेल नहीं खेलना चाहिए, बल्कि तुरंत किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए और बहनों को 2100 रुपये देने चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने अंत में कहा कि अगर सरकार ने किसानों और बहनों को राहत नहीं दी, तो जनता का धैर्य टूट जाएगा और इसका भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा.
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