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सूरत में इमारत ढहने से मरने वालों की संख्या 7 पहुंची, मालिक और बेटे के खिलाफ केस हुआ दर्ज

Updated on: 07 July, 2024 05:23 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गुजरात पुलिस ने इमारत की मालिक और बेटे के खिलाफ सचिन जीआईडीसी पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज किया है और एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है.

सूरत में सचिन के पास पाली गांव में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई

सूरत में सचिन के पास पाली गांव में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई

कल शनिवार 6 जुलाई को सूरत में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई, मरने वालों की संख्या सात हो गई है और एक महिला गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. अब इस हादसे के सिलसिले में सूरत में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. गुजरात पुलिस ने इमारत की मालिक रामिलाबेन काकाड़िया और उनके बेटे जय काकाड़िया के खिलाफ सचिन जीआईडीसी पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज किया है और एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है.

घटना के बारे में पॉलस ने कहा कि ``ढह चुकी इमारत के मलबे से अब तक सात शव मिले हैं. शव की उम्र 22 से 27 साल के बीच है और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. जीआईडीसी पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया और एक को गिरफ्तार कर लिया है.


पुलिस ने बताया कि हादसे में मरने वाले सात पीड़ितों की पहचान हीरामन केवट, अभिषेक केवट, शाहिल चमार, शिवपूजन केवट, परवेश केवट, ब्रिजेश गौड़ और अनमोल शालिग्राम के रूप में हुई है. अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि मलबे के नीचे एक महिला पाई गई और उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. चौधरी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी की पहचान अश्विन वेकारिया के रूप में हुई है जो इस जर्जर इमारत में रहने वाले लोगों से किराया वसूलता था.


सूरत नगर निगम के अधिकारियों ने इस साल की शुरुआत में शहर में कई जीर्ण-शीर्ण इमारतों और संरचनाओं का सर्वेक्षण किया था और उनके मालिकों को नोटिस भेजा था, लेकिन न तो ढही इमारत के मालिक और न ही देखभाल करने वाले ने संरचना की मरम्मत की या उसे ध्वस्त किया. सूरत नगर निगम की फायर ब्रिगेड ने बताया कि पालीगाम की डीएन नगर सोसायटी में शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुआ 15 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी बसंत पारेक ने बताया कि इमारत का मलबा अब हटा दिया गया है. हमने विदेशी स्रोत वाले जीवन डिटेक्टर उपकरण का उपयोग किया है जो मलबे के नीचे की आवाज़ का पता लगाता है. हमने 2019 में उपकरण खरीदे. घटनास्थल तक जाने वाली सड़कें संकरी थीं, जिसके परिणामस्वरूप हमारी बचाव टीमों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा.`` सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम गहलोत ने कहा कि दुर्घटना के समय इमारत के 30 फ्लैटों में से केवल पांच से छह अपार्टमेंट विभिन्न राज्यों के कपड़ा उद्योग के श्रमिकों को किराए पर दिए गए थे और अब सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में जिम्मेदारों और आगे की जांच शुरू हो गई है.


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