Updated on: 18 January, 2024 10:50 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
निजी व्यक्तियों के अलावा, महेश जोशी, पूर्व मंत्री, पीएचईडी, राजस्थान सरकार और पीएचईडी के अधिकारियों के आवासीय परिसरों पर तलाशी ली गई है.
रिप्रेजेंटेटिव इमेज/आईस्टॉक
प्रवर्तन निदेशालय ने जल जीवन मिशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत राजस्थान के जयपुर और बांसवाड़ा जिलों में 8 स्थानों पर छापेमारी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि निजी व्यक्तियों के अलावा, महेश जोशी, पूर्व मंत्री, पीएचईडी, राजस्थान सरकार और पीएचईडी के अधिकारियों के आवासीय परिसरों पर तलाशी ली गई है.
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एक न्यूज़ पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ईडी ने एसीबी, राजस्थान द्वारा पदमचंद जैन, महेश मित्तल और पीएचईडी अधिकारियों सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. राजस्थान पुलिस और बजाज नगर पुलिस स्टेशन द्वारा एक शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी, जिसमें "संदिग्ध फर्मों में से एक द्वारा नकली और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाणपत्रों के उपयोग" का आरोप लगाया गया था.
रिलीज में आगे कहा गया है कि ईडी की जांच से पता चला है कि उक्त ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे. कई बिचौलियों और संपत्ति डीलरों ने ऐसा किया है.
जेजेएम घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की. यह पता चला है कि आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न धन का उपयोग करके कुछ संपत्तियां खरीदी गईं .तलाशी अभियान के दौरान, संपत्ति विवरण, डिजिटल साक्ष्य, मोबाइल इत्यादि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ कुल 39 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है. इस मामले में अब तक कुल 11.42 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है." इसमें 6.50 करोड़ रुपये का सोना या चांदी भी शामिल है.