Updated on: 10 March, 2025 10:17 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
वानुआतु के स्थानीय अखबार Vanuatu Daily Post ने इस खबर की पुष्टि की है.
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भारत से फरार कारोबारी ललित मोदी को एक और बड़ा झटका लगा है. वानुआतु देश के प्रधानमंत्री जोथाम नापाट ने नागरिकता आयोग को ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया है. ललित मोदी ने भारत से बचने के लिए वानुआतु की नागरिकता ली थी, लेकिन अब उनकी यह चाल भी नाकाम हो गई है.
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वानुआतु सरकार का बड़ा फैसला
वानुआतु के स्थानीय अखबार Vanuatu Daily Post ने इस खबर की पुष्टि की है. अखबार ने अपनी Facebook पोस्ट में बताया कि प्रधानमंत्री जोथाम नापाट ने यह सख्त कदम उठाते हुए नागरिकता आयोग को ललित मोदी की नागरिकता रद्द करने का निर्देश दिया है. यह फैसला तब आया जब भारत सरकार ने इस मामले में अपनी सक्रियता बढ़ाई.
इस पूरे मामले में भारत सरकार की भी अहम भूमिका रही है. न्यूजीलैंड में भारत की हाई कमिश्नर नीता भूषण ने अन्य द्वीप देशों के साथ मिलकर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया. भारत लंबे समय से ललित मोदी को वापस लाने की कोशिश कर रहा था, और अब वानुआतु सरकार के इस फैसले से भारत को बड़ी राहत मिली है.
ललित मोदी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं. लेकिन उनके खिलाफ कई आर्थिक घोटालों और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज हैं. इन मामलों के चलते भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी. जांच से बचने के लिए ललित मोदी सालों पहले भारत छोड़कर लंदन चले गए थे और वहां से उन्होंने वानुआतु की नागरिकता हासिल कर ली थी.
क्या होगा अब?
अब जब वानुआतु सरकार ने उनके पासपोर्ट को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, तो ललित मोदी के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अगर उनकी नागरिकता खत्म हो जाती है, तो वे किसी अन्य देश में रहने के लिए मजबूर होंगे, और भारत सरकार के लिए उन्हें प्रत्यर्पित करना आसान हो सकता है.
भारत सरकार लगातार ऐसे भगोड़ों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो आर्थिक अपराध करके विदेश भाग जाते हैं. इससे पहले विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कारोबारियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए गए हैं. अब ललित मोदी के खिलाफ भी भारत सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं.
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