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गांधीजी की नहीं, अनुपम खेर की फोटो वाला नोट देकर सोना व्यापारी से 1.6 करोड़ रुपये की ठगी, जानें पूरा मामला

Updated on: 30 September, 2024 08:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

एक अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है.

पुलिस द्वारा जब्त किए गए नोट। तस्वीर/X

पुलिस द्वारा जब्त किए गए नोट। तस्वीर/X

गुजरात में एक सर्राफा व्यापारी को कथित तौर पर 2.1 किलोग्राम सोना ठगने का मामला सामने आया है. अज्ञात ठगों ने मशहूर अभिनेता अनुपम खेर के चेहरे वाली नकली करेंसी थमा दी है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस लेनदेन के बाद मेहुल ठक्कर नामक स्थानीय सर्राफा व्यापारी को धोखा दिया गया और 2.1 किलोग्राम सोना ठग लिया गया. मेहुल ठक्कर ने नवरंगपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस को पूरी घटना बताई. उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्हें 500 रुपये के नकली नोटों के 26 बंडल स्वीकार करने के लिए धोखा दिया गया. 



नकली करेंसी, जिस पर "रीसोल बैंक ऑफ इंडिया" का लेबल लगा हुआ था, 24 सितंबर को 2.1 किलोग्राम सोने के बदले में उनके कर्मचारियों को दी गई थी.रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को बताया कि एक अधिकारी ने बताया कि यह कहानी तब शुरू हुई जब मेहुल ठक्कर नामक एक सोने के व्यापारी को एक ज्वैलरी शॉप के मैनेजर प्रशांत पटेल का फोन आया, जिसे सराफा व्यापारी जानता था. पटेल 2.1 किलोग्राम सोना खरीदने के लिए उत्सुक था और कुछ मोल-तोल के बाद वे 1.60 करोड़ रुपये की कीमत पर सहमत हो गए. 24 सितंबर को मेहुल ठक्कर ने अपने कर्मचारियों को पटेल से `अंगड़िया पेढ़ी` (हवाला) कार्यालय में मिलने के लिए कहा, जो एक पारंपरिक धन-स्थानांतरण सेवा है. 


अधिकारी ने बताया कि जब वे वहां पहुंचे, तो उनका स्वागत सोने के व्यापार की आकर्षक दुनिया ने नहीं, बल्कि तीन "सज्जनों" ने किया, जिन्होंने उन्हें 500 रुपये के नोटों के बंडल सौंपे. कर्मचारियों को तीनों द्वारा प्रदान की गई मशीन का उपयोग करके `पैसे` गिनने के लिए कहा गया. रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद उनमें से दो लोग पड़ोसी कार्यालय से शेष 30 लाख रुपये लाने के बहाने सोने के बिस्कुट लेकर चले गए, जबकि तीसरा वहीं रुक गया. 

जब ठक्कर द्वारा भेजे गए कर्मचारियों ने प्लास्टिक की थैली से नोटों को गिनने के लिए निकाला तो पाया कि वे नकली हैं, उन्होंने तीसरे व्यक्ति से पूछताछ की, जिसने उन्हें बताया कि वह केवल `अंगड़िया पेढ़ी` के लिए गिनती की मशीन देने आया था, शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया. शिकायत के अनुसार बाद में यह भी पता चला कि घटना से दो दिन पहले ही आरोपियों ने अंगड़िया कार्यालय खोला था. इसके बाद दो अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, और पुलिस ने इस असामान्य ठगी के पीछे के अपराधियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है.

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