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महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण बचाने को लेकर अकोला में भूख हड़ताल, प्रकाश आंबेडकर ने आंदोलनकारियों से की मुलाकात

Updated on: 19 September, 2025 12:00 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र में ओबीसी समाज के विभिन्न वर्गों ने अकोला में आरक्षण बचाने के लिए चार दिन से भूख हड़ताल शुरू की है. `वंचित बहुजन अघाड़ी` के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन किया.

X/Pics, Prakash Ambedkar

X/Pics, Prakash Ambedkar

महाराष्ट्र में ओबीसी समाज के विभिन्न वर्गों ने आरक्षण के मसले पर आक्रामक रुख अपनाया है. आरक्षण को प्रभावित होने से बचाने और समाज की मांगों को स्पष्ट रूप से सरकार तक पहुँचाने के उद्देश्य से पूरे ओबीसी समाज की ओर से अकोला में पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल जारी है. प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से किया जा रहा है और उनका लक्ष्य सिर्फ़ ओबीसी आरक्षण को सुरक्षित रखना है.

इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए `वंचित बहुजन अघाड़ी` के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर अकोला पहुँचे और भूख हड़ताल स्थल पर आंदोलनकारियों से मुलाकात की. अपनी मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए प्रकाश आंबेडकर ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने भूख हड़ताल स्थल पर जाकर आंदोलनकारियों की समस्या और उनकी मांगों को करीब से जाना. उन्होंने कहा, "सम्पूर्ण ओबीसी समाज की ओर से `ओबीसी आरक्षण बचाने` के लिए अकोला में जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने भूख हड़ताल चल रही है. मैं वहां गया और आंदोलनकारियों से मुलाकात की."


प्रकाश आंबेडकर ने स्पष्ट किया कि ओबीसी समाज की आरक्षण की थाली में हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि गरीब मराठा समाज के आरक्षण और ओबीसी समाज के आरक्षण की थाली अलग होनी चाहिए, ताकि दोनों वर्गों को उनके अधिकार और हिस्सेदारी मिले. उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण की लड़ाई केवल ओबीसी समाज के हित में नहीं बल्कि समाज में न्याय और समानता कायम रखने के लिए भी जरूरी है.


 


 

अकोला में भूख हड़ताल में शामिल आंदोलनकारी लगातार सरकार और प्रशासन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि यदि आरक्षण को प्रभावित किया गया, तो यह समाज के विकास और युवा पीढ़ी के भविष्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है. आंदोलन के दौरान, युवा और वरिष्ठ वर्ग दोनों ने भाग लिया है और अपनी आवाज़ सरकार तक पहुँचाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का सहारा लिया है.

ओबीसी आरक्षण की सुरक्षा और समाज के हित में यह आंदोलन महाराष्ट्र में अन्य जिलों के लिए भी मिसाल बन सकता है. प्रकाश आंबेडकर और आंदोलनकारियों का संदेश साफ है – लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से ही अधिकारों की रक्षा की जाएगी.

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