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`शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेता हूं, शॉर्टकट मेरे लिए नहीं`: राज ठाकरे

Updated on: 17 March, 2025 05:25 PM IST | mumbai

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन शिवाजी महाराज से प्रेरित है, जिससे वे कभी अवसाद या नकारात्मकता से प्रभावित नहीं होते.

Representational Image

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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि उनका संपूर्ण जीवन शिवाजी महाराज से प्रेरित है और इसी कारण वे कभी भी अवसाद या नकारात्मकता से प्रभावित नहीं होते. राज ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "आज महाराष्ट्र के आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है. इसे हर साल तिथि और पंचांग के अनुसार मनाया जाता है, जिस पर विवाद होते रहते हैं. लेकिन वास्तव में शिवाजी महाराज की जयंती 365 दिन मनाई जानी चाहिए, क्योंकि वे एक असाधारण व्यक्तित्व थे. उनके जीवन से हमें हर दिन प्रेरणा लेकर उसे अपने दैनिक जीवन में लागू करना चाहिए."

शिवाजी महाराज के जीवन से सीखने की प्रेरणा


हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 17 मार्च को शिवाजी जयंती मनाई गई. पूरे महाराष्ट्र में मराठा योद्धा को श्रद्धांजलि देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी अवसर पर ठाकरे ने लिखा कि वह कभी अवसाद से प्रभावित नहीं होते क्योंकि उनका जीवन शिवाजी महाराज के विचारों से प्रेरित है. उन्होंने कहा, "मैं कभी भी सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहता. मैं जो सही समझता हूँ, वही बोलता हूँ और इसे करते हुए महाराष्ट्र के निर्माण के अपने लक्ष्य में गहरी आस्था रखता हूँ."


राज ठाकरे ने आगे कहा कि 15 वर्ष की आयु में स्वराज्य का सपना देखना, उसे दिशा देना, अपनी मुद्रा जारी करना, फारसी भाषा को अस्वीकार कर मराठी शब्दावली को प्रोत्साहित करना और छोटी उम्र में संघर्षों का सामना करना—शिवाजी महाराज की विलक्षण प्रतिभा को दर्शाता है.

विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और आत्मबल


राज ठाकरे ने शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सीख पर जोर देते हुए कहा कि "महाराज के जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब ऐसा प्रतीत हुआ कि कोई गतिविधि नहीं हो रही, लेकिन वास्तव में वे उस दौरान भविष्य की योजनाएँ बना रहे थे. जैसा कि मेरे दादा प्रबोधनकर ठाकरे कहा करते थे, ‘जब बाहर तूफान हो, तो व्यक्ति को चुपचाप शक्ति एकत्रित करनी चाहिए और जब बाहर शांति हो, तो व्यक्ति को अपना तूफान स्वयं खड़ा करना चाहिए.’"

ठाकरे ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी अवश्य पढ़ें. उन्होंने कहा कि "आज के समय में छोटी असफलताएँ या अस्वीकृतियाँ लोगों को अवसाद में डाल सकती हैं. लेकिन यदि हर कोई साल में कम से कम एक बार शिवाजी महाराज की जीवनी पढ़े, तो उन्हें समझ में आएगा कि विपरीत परिस्थितियों में भी शिवाजी महाराज ने कितनी शांति और धैर्य के साथ स्वराज्य की स्थापना की."

 

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