Updated on: 11 December, 2024 05:19 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.
अतुल सुभाष. तस्वीर/स्क्रीनशॉट
एक निजी फर्म के 34 वर्षीय उप महाप्रबंधक अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. अतुल ने अपनी पत्नी, उसके परिवार के सदस्यों और एक न्यायाधीश पर उत्पीड़न, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 3 (5) (जब दो या दो से अधिक लोग एक ही इरादे से काम करते हैं तो संयुक्त आपराधिक दायित्व स्थापित करना) के तहत दर्ज की गई है.
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रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआर तकनीकी विशेषज्ञ की पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी सास निशा सिंघानिया, उनकी पत्नी के भाई अनुराग सिंघानिया और उनकी पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ दर्ज की गई है. अतुल के भाई द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि अतुल सुभाष ने 2019 में निकिता सिंघानिया से शादी की और उनका एक बच्चा भी है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि चारों आरोपियों ने तलाक के बाद अतुल सुभाष के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया और मामले के निपटारे के लिए 3 करोड़ रुपये देने पर जोर दिया.
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि अतुल सुभाष की पत्नी ने उसे अपने चार साल के बेटे से मिलने के लिए 30 लाख रुपये मांगे थे. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित होने के कारण अतुल ने आत्महत्या कर ली. शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच चल रही है. पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, पीड़ित उत्तर प्रदेश का निवासी था जो बेंगलुरु में रह रहा था. पुलिस ने कहा कि होयसला पुलिस कंट्रोल रूम को सोमवार सुबह 6:00 बजे बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट के डेल्फिनियम रेजीडेंसी में एक फ्लैट में आत्महत्या के बारे में कॉल आया.
बयान में आगे कहा गया है कि जब पुलिस उस जगह की तलाशी लेने गई, तो फ्लैट अंदर से बंद था और ताला टूटा हुआ था, जिसके बाद वे अंदर गए और देखा कि अतुल नायलॉन की रस्सी के सहारे छत के पंखे से लटका हुआ था. पुलिस ने बताया कि वहां पहुंचने पर वह मृत पाया गया. पुलिस ने मृतक के भाई विकास कुमार को घटना की जानकारी दी, जिसने बाद में सुभाष की पत्नी, उसकी सास, उसके साले और उसकी पत्नी के चाचा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने सुभाष के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई और समझौते के लिए 3 करोड़ रुपये मांगे, जिससे उसका मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न हुआ, जिसके बाद उसे यह कदम उठाना पड़ा.
सुसाइड नोट में सुभाष ने न्याय की गुहार लगाई और 24 पन्नों के नोट के हर पन्ने पर लिखा, "न्याय मिलना चाहिए." अपनी पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों के साथ, सुभाष ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश पर भी उसकी बात नहीं सुनने का आरोप लगाया और न्यायालय के एक अधिकारी पर न्यायाधीश के सामने रिश्वत लेने का आरोप लगाया.
सुभाष ने आगे उन घटनाओं का वर्णन किया, जिन्होंने उसे ऐसा कदम उठाने के लिए उकसाया. सुभाष ने अपने कथित उत्पीड़न का वर्णन करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया और अपने परिवार के सदस्यों से न्याय मिलने तक उसकी अस्थियों को विसर्जित न करने के लिए कहा. उनके सुसाइड नोट में उनके चार साल के बेटे के लिए भी एक संदेश था, जिसके बारे में उनका दावा है कि उसे उनसे अलग रखा गया था. नोट में यह भी कहा गया था कि उनके बच्चे की कस्टडी उनके माता-पिता को दी जाए.
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